दिल्ली डायरी : स्वतंत्रता मीनार

कमल की कलम से

आईये आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आपको ले चलें उस श्रृंखला की अगली कड़ी की तरफ जिस स्मारक को दिल्ली के लोग भी बहुत कम जानते हैं.

ये है हिन्‍दुराव अस्‍पताल के निकट उत्‍तरी पहाड़ी पर स्‍वतंत्रता संग्राम स्‍मारक.

 

जानकारी मिलते ही मैं निकल पड़ा इसकी तलाश में. इस स्मारक के बिल्कुल पास पहुँच कर भी जब लोगों से इसके बारे में पूछ रहा था तो कोई भी बताने की स्थिति में नहीं था.
अचानक मेरी दूर दृष्टि इस स्मारक के झाँकती बुर्ज पर पड़ी. हमने उसकी तरफ उंगली के इशारे से कहा अरे भाई उसी इमारत को जाना है.

उस लड़के ने कहा अच्छा तो उसका नाम स्वतंत्रता संग्राम स्मारक है ! आप बाड़ा हिन्दुराव अस्पताल की तरफ सीधे जाओ और दाहिने घूम कर पहाड़ी पर चढ़ जाना तो ये इमारत नजर आ जायेगी.
जब हाँफते काँपते उतनी चढ़ाई बाले सड़क पर चढ़ते गया तो पहुँच ही गया यहाँ तक.
पर मुसीबत अभी खत्म नहीं हुई थी.

मुख्य द्वार पर मोटे सीकड़ यानी लोहे की जंजीर में ताला लगा हुआ था. जब अंदर बैठे गार्ड को पुकार कर बुलाया तो उसने कहा अभी हिंदुस्तान पाकिस्तान में तनाव चल रहा इसलिए इसे बंद रखने का आदेश है. जब हमने अपना परिचय देकर उसे फटकार लगाया और अधिकारी से फोन पर बात कराने को कहा तो पता नहीं उसने फोन पर अधिकारी से क्या बात किया कि तुरन्त ही उसने ताला खोल दिया. और मुझे पूरा स्मारक घुमाते रहा और उसके बारे में बताता रहा.

इस स्‍वतंत्रता संग्राम स्‍मारक का निर्माण ब्रिटिश राज के दौरान किया गया था. इस स्‍मारक में गॉथिक डिजाइन का एक टेपरिंग टॉवर है जो लाल बालुई पत्थर और स्‍थानीय बड़े पत्‍थरों के ऊँचे आधार पर बनाया गया है.
यह मीनार बाहर से अष्‍टभुजाकार आकार में और अंदर से शंतुल आकर में है.

इस मीनार का निर्माण दिल्‍ली फील्‍ड फोर्स के सैनिक कार्रवाईयों के दौरान मारे गए और 30 मई से 20 सितंबर, 1857 के मध्‍य मृत और घायल सैनिकों की स्मृति में वर्ष 1863 में किया गया था. इसकी दीवारों पर इन सबके नाम अंग्रेजी , हिंदी और उर्दू में खुदे हुए हैं.

यहाँ आने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन तीस हजारी कोर्ट है. यहाँ से उतर कर आप ई रिक्शा लेकर यहाँ जा सकते हैं पर उसे इसके नाम की जगह हिन्दुराव हॉस्पिटल के पास पहाड़ी पर बना स्मारक कहना पड़ेगा.

 

स्टेशन से शार्ट कट रास्ते से 15 मिनट में यहाँ पैदल भी जा सकते.

हॉस्पिटल के पास से 88 , 116 , 117 , 125 , 761 नम्बर की बस गुजरती है.

अपनी सवारी से जाना सबसे उचित है.
स्मारक के बाहर सड़क पर आप गाड़ी खड़ी कर सकते हैं.

जय भारत जय जवान

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