डॉ. भीमराव आंबेडकर ने समाज के पीड़ित, उपेक्षित एवं दबे कुचले लोगों को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया

डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। भीमराव आम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत रहे थे और उनके पिता रामजी सकपाल, भारतीय सेना की महू छावनी में सेवारत थे।अपनी जाति के कारण बालक भीम को सामाजिक प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा था। विद्यालयी पढ़ाई में सक्षम होने के बावजूद छात्र भीमराव को छुआछूत के कारण अनेक प्रकार की कठनाइयों का सामना करना पड़ता था। दलितों, कमजोर वर्ग की महिलाओं के लिए बाबा साहेब न बहुत संघर्ष किया।जाति…

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आखिर क्यों हम जीवन के सर्वोत्तम को देख ही नहीं रहे?

हमारे जीवन का अन्य नि:शुल्क रत्न हमारे चारों ओर प्रकृति है। हमारे पास सूरज है जो हर दिन एक नया सवेरा लाता है; उस सुबह को सुखद बनाने के लिए हमारे पास हरी-भरी चरागाहें हैं, हमें जगाने के लिए पक्षियों की चहचहाहट, जीवन की सुंदरता को देखने के लिए खिलते फूल और हमारी आंखों को सुकून देने के लिए बहता पानी। प्रकृति की यह प्राकृतिक सुंदरता पुरुषों के लिए सबसे प्यारी और सबसे प्यारी उपस्थिति है जो प्रशंसा करने के लिए एक उत्सुक पर्यवेक्षक के अलावा कुछ नहीं मांगती है।…

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गैरों के बीच खुशी बांटना सबसे बेहतरीन त्योहार

आज के भाग दौर एवं व्यस्त जिंदगी के वजह से लोग बहुत परेशान रहते हैं, उन्हें अपनी समस्याओं को सुलझाने में ही फुर्सत नहीं मिलती, वैसी स्थिति में दूसरों की परेशानियों पर क्या ध्यान देंगे। बावजूद इसके इस दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनके मानवीय संवेदना दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाती हैं। वर्तमान समय में न्यायालय, अस्पताल, पुलिस ऐसी जगह है जहां लोग न्याय, संवेदना और सुरक्षा के लिए जाते हैं पर कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो लोगों को अत्यंत निराशा हाथ लगती है। चिकित्सकों और…

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भगवान विश्वकर्मा, शिल्प कौशल के दिव्य वास्तुकार

विश्वकर्मा शिल्प कौशल के हिंदू देवता और देवताओं के वास्तुकार हैं। उन्होंने महलों, विमानों और देवताओं के दिव्य हथियारों को डिजाइन किया और बनाया। वह ब्रह्मांड के वास्तुकार भी हैं। उन्हें समर्पित विश्वकर्मा पुराण नामक एक पुराण है जिसमें उन्हें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव का निर्माता माना जाता है। विश्वकर्मा शब्द में दो शब्द शामिल हैं, अर्थात विश्व (संसार या ब्रह्मांड) और कर्म (निर्माता)। इसलिए, विश्वकर्मा शब्द का अर्थ है “दुनिया का निर्माता”। भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति ऋग्वेद में हुई है, जिसमें उन्हें ब्रह्मांड (पृथ्वी और स्वर्ग)…

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भाई -बहन के प्यार, जुड़ाव और एकजुटता का त्यौहार भाई दूज

हमारे देश में हर महिला भाई दूज को अपने भाई के लिए अपना समर्थन और करुणा प्रदर्शित करने के लिए मनाती है। इस दिन सभी बहनें भगवान से अपने भाई के जीवन की खुशियों की कामना करती हैं। यह व्यापक रूप से माना जाता है क्योंकि यमुना को अपने भाई यमराज से यह वादा मिला था कि भाई दूज मनाने से ही यमराज के डर से छुटकारा मिल सकता है और यहां तक कि भाई और बहन के बीच प्यार या भावना बढ़ जाती है। बदले में भाई अपनी बहनों…

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