रविवासरीय- बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन, दोषी कौन ?

आजकल, आमतौर पर यह बात देखने को मिल रही है, मां-बाप अपने बच्चों को, खासतौर पर वैसे बच्चे जो किशोरावस्था की उम्र में हैं, को लेकर काफी परेशान रह रहे हैं। उनकी आदतें, उनका व्यवहार मां-बाप की परेशानियों का सबब बनता जा रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां हर मां-बाप अपने आप को लाचार महसूस कर रहा है। क्या करें, किससे कहें। वह इसी उधेड़बुन में हैं। जो दिक्कतें बच्चों के साथ आ रही हैं, उनमें मुख्यतः बच्चों का एकाकी होना, व्यवहार में आक्रामकता, लगातार मोबाइल फोन में…

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जानिए कैसे नीतीश ने अपना हीं रिकॉर्ड तोड़ा

दिलचस्प बात हैं कि नीतीश कुमार रिकॉर्ड नौंवी बार शपथ लेने जा रहें हैं। इसकी वजह क्या है ? आखिर देश में सबसे लंबे समय तक किसी राज्य की कमान संभालने वाले नेता इस रिकॉर्ड को कैसे नहीं बना पाए ? एनडीए और महागठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर एनडीए के सीएम के रूप में शपथ ली। 1985 में पहली बार विधायक बने नीतीश पहली बार साल 2000 में सात दिन के मुख्यमंत्री बने थे। पिछले 24 साल में अब तक वे कुल…

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संविधान की याद दिलाता है और सदा सही रास्तों पर चलने की प्रेरणा देता है गणतंत्र दिवस : डा. नम्रता आनंद

पटना,गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। वर्ष 1950 से गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, इसलिए हम इस दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।भारत देश के लोकतंत्र का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान की याद दिलाता है और सदा सही रास्तों पर चलने की प्रेरणा देता है। गणतंत्र का अर्थ सभी देश के लोगों को शक्ति और आजादी हैं जिससे देश…

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” आईना बनाम स्मार्टफोन “- गुरूवासरीय

एक बात जो कई बार कही और सुनी-सुनाई गई है – आईना कभी झूठ नहीं बोलता। बात में सिर्फ सच्चाई ही नहीं दम भी है। अभी तक तो हमने यही जाना था। कोई इसके मुकाबले में खड़ा नहीं था। आईना कोई भी, बेल्जियम ग्लास से ही क्यों ना बना हो, अपने काम को बखूबी अंजाम देता है। हम भी आंखें मूंदकर विश्वास करते हैं – आईने के ऊपर। खैर! अब यहां पर भी किसी ने सेंधमारी कर दी। आईने की विश्वसनीयता पर एक प्रश्न चिन्ह, एक सवालिया निशान लग गया…

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“आत्महत्या”, मनु कहिन- गुरुवासरीय

चलिए आज के गुरुवार में हम बातें करते हैं आत्महत्या के बारे में। यह एक बड़ी ही ज्वलंत समस्या है जिसने समाजशास्त्रियों की नींदें उड़ा रखी हैं। उनके लिए शायद यह समझ पाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर किस तरह से इसे रोका जाए। लोग आत्महत्या करते हैं। वजह जानकर आप हैरान रह जाएँगे। बातें बहुत छोटी होती हैं। पर, अपनी जिंदगी से खेल जाते हैं। अब सोचिए, जो जिंदगी कुदरत की खूबसूरत देन और एक खुशनुमा एहसास है, बड़ी मुश्किल से जिंदगी आपको मिली है। कहा जाता है…

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