सोशल मीडिया पर नग्नता का नंगा नाच

जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो। इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता…

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आज दिल जीते हैं, कल फिर कप जीतेंगे

डॉ सत्यवान सौरभ _कप जितने से बड़ी बात दिल जीतना होता है। क्रिकेट खत्म नही हो गया। 46 दिन में 45 दिन आप जीते हो। हमारी भारतीय टीम ने 2023 वर्ल्ड कप के अंदर 10 मैच जीते और आज फाइनल हारने पर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का दिल टूटा है। ऐसे हम दो कप जीत चुके। 2027 में फिर मेहनत करेंगे और हम जीतेंगे। हार जीत तो लगी रहती है। लेकिन पूरे वर्ल्ड कप में इण्डियन टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है। फाइनल में हम नहीं जीत पाये कोई बात नहीं।…

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डॉक्टरी बना कारोबार, ‘झोलाछाप’ कर रहे उपचार

देशभर में खासकर गांवों में बिना जरूरी डिग्री वाले डॉक्टरों की भरमार है। कोई तीन-चार साल तक मेडिकल स्टोर पर काम करने के बाद डॉक्टर बन जा रहा है, तो किसी के पूर्वज इलाज करते आ रहे हैं। ये लोग मरीजों को दर्द निवारक दवाएं व इंजेक्शन की बदौलत तुरंत आराम तो दिला देते लेकिन इसका दुष्प्रभाव मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ये झोलाछाप डॉक्टर (वे डॉक्टर जो न तो पंजीकृत हैं और न ही उनके पास उचित डिग्री है) नकली दवाओं के साथ इलाज कर मरीजों के जीवन…

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नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है

(डा. नम्रता आनंद) पटना, शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की उपासना का त्योहार शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गया।आज नवरात्र का पहला दिन है।नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। शैलपुत्री देवी दुर्गा के नौ रूप में पहले स्वरूप में जानी जाती हैं। वह नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा हैं। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,…

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बक्सर में जन्मे ‘जेपी’ सिताबदियारा के ही नहीं देश के ‘लोकनायक’ बने

(11 अक्टूबर जयंती विशेष) “जेपी आंदोलन से देश में हलचल पैदा हुई और 1977 में हुए चुनाव में पहली बार लोगों ने इंदिरा सरकार को सत्ता से दूर कर दिया। इन्दिरा गांधी का गुमान टूट गया। उम्मीद थी जेपी सत्ता की बागडोर संभालेंगे, पर फक्कड़ संत सत्ता लेकर क्या करता निकल पड़ा, भूदान आंदोलन पर। देश सेवा, मानव सेवा और कुछ नहीं।” धर्मवीर भारती की ये रचना ‘बा मुद्दत, बा मुलाहिजा होशियार! अपने घरों के दरवाजे बंद कर लो। बंद कर लो सारी खिड़कियां। दुबक जाओ कोने में, क्योंकि एक…

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