पटना- कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बाढ़ से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की अपडेट दी अधिकारियों ने

पटना, 01 अगस्त 2020:- वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन अमृत लाल मीणा, सचिव जल संसाधन संजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 एवं बाढ़ की वर्तमान स्थिति को लेकर सरकार द्वारा लगातार पूरी तत्परता के साथ सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। कल मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य विभाग की विस्तृत समीक्षा की गयी थी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी और उनकी टीम एवं हॉस्पिटल्स के लोग भी जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हॉस्पिटल्स के वार्ड और वहां की चिकित्सा व्यवस्था का निरीक्षण कर चिकित्सकों से बात भी की थी। टेस्टिंग कैपिसिटी बढ़ाने का लगातार निर्देश दिया जा रहा है और कल 28,626 सैम्पल्स की जांच की गयी थी। मुख्यमंत्री ने मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श आसानी से उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि इसके लिए वीडियो कॉल या अन्य माध्यमों का उपयोग कर मरीजों को परामर्श दिया जाए और हॉस्पिटल्स में चिकित्सकों की नियमित विजिट हो। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों में चलाए जा रहे आपदा राहत शिविरों में आवासित सभी लोगों की जाँच कराने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है। सभी जिलों में वेंटिलेटर युक्त आई0सी0यू0 की व्यवस्था रहे और पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस उपलब्ध रहे। मुख्यमंत्री के द्वारा यह लगातार अपील की जा रही है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क का उपयोग अवश्य करें।

सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 1,823 लोग स्वस्थ हुए हैं और अब तक 35,473 लोग कोविड-19 संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बिहार का रिकवरी रेट 65.08 प्रतिशत है। 31 जुलाई को कोविड-19 के 2,502 नये मामले सामने आये हैं। वर्तमान में बिहार में कोविड-19 के 18,722 एक्टिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 28,624 सैंपल्स की जांच की गई है और अब तक की गयी कुल जांच की संख्या 5,76,796 है।

अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 अगस्त से लागू अनलॉक-3 के तहत जारी गाइडलाइन्स का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 09 कांड दर्ज किये गये हैं और 15 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। इस दौरान 858 वाहन जब्त किये गये हैं और 19 लाख 30 हजार 200 रूपये की राशि जुर्माने के रुप में वसूल की गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 5,598 व्यक्तियों से 02 लाख 79 हजार 900 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव लघु जल संसाधन अमृत लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘जल-जीवन-हरियाली’ का क्रियान्वयन विभिन्न विभागों के द्वारा किया जा रहा है। लघु जल संसाधन विभाग द्वारा परंपरागत जल स्त्रोतों की उड़ाही का काम किया जा रहा है। विभाग को 5 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल वाले सभी परंपरागत जल स्त्रोतों की उड़ाही का जिम्मा दिया गया है। मॉनसून के पहले करीब एक हजार जल स्त्रोतों की उड़ाही का काम पूरा कर लिया गया है। उन सब में इस बार जल भंडारण हुआ है। 5 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले बाकी बचे तालाबों के डी0पी0आर0 बनाने का काम चल रहा है। जल संचयन करने को लेकर चरणबद्ध तरीके से इनकी भी उड़ाही का काम किया जायेगा।

श्री मीणा ने बताया कि लघु जल संसाधन विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में ऐसी बड़ी-बड़ी संरचनायें जिसमें काफी वर्षों से गाद भर गई थी और ऐसे बहुत सारे तालाब जिनका अतिक्रमण हो गया था, उसको समाप्त कर उनमें जल भंडारण की क्षमता में काफी वृद्धि की है। विभाग ने इसका कड़ाई से अनुश्रवण किया है। सभी तालाबों की उड़ाही का प्राक्कलन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। प्रत्येक योजना में हुए कार्यों का फोटोग्राफ लिया गया है। सभी योजना में हुए काम की मापी पुस्तिका का विवरण भी अपलोड किया गया है। जन साधारण की जानकारी के लिए यह पब्लिक डोमेन में है। इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित की गयी है। उन्होंने बताया कि सभी तालाबों का सर्वेक्षण कर उनमें वृक्षारोपण किया जायेगा। जो तालाब बसावट के आसपास हैं, उनमें तालाब के चारो ओर पेवर ब्लॉक का पेवमेंट बनाया जा रहा है। हर तालाब में इनलेट और आउटलेट की व्यवस्था की गई है ताकि उसमें पानी भर सके और उससे पानी निकालकर किसान पटवन कर सकें। इससे एक ओर जहां सिंचाई की क्षमता में व्यापक वृद्धि हुई है, वहीं जलस्तर में भी काफी वृद्धि हुई है। इसका लाभ किसानों को मिल रहा है।
श्री मीणा ने बताया कि इसके साथ-साथ दक्षिण बिहार के अधिकांश जिलों में वैसे आहर और पाइन जिसका पिछले कुछ वर्षों में व्यवस्थित तरीके से खुदाई का काम नहीं हो पाया था, उसका पिछले वित्तीय वर्ष में जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत उड़ाही का काम किया है। इससे किसानों में काफी खुशी है। फसल के इस मौसम में आहर और पाइन किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है। बचे हुए आहर और पाइन की खुदाई और रखरखाव का काम भी किया जायेगा।

लघु जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 10 हजार 200 राजकीय नलकूपों के संचालन का जिम्मा भी इस विभाग के पास है। इसमें से लगभग 50 प्रतिशत नलकूप चालू हैं, जबकि बाकी विभिन्न कारणों से बंद है। विभाग ने इसको लेकर नीतिगत निर्णय लिया है और मंत्री परिषद द्वारा इसे स्वीकृत किया गया है कि राजकीय नलकूपों का प्रबंधन अब ग्राम पंचायतें करेगी। 2019 के फरवरी महीने से सभी नलकूपों का संचालन और रखरखाव के लिए ग्राम पंचायतों को धनराशि भी उपलब्ध करायी गई है। विभाग के अभियंता इसका तकनीकी पर्यवेक्षण करते हैं। अब ग्राम पंचायतें ही इन राजकीय नलकूपों का संचालन कर रही है। इससे नलकूपों के संचालन में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। बाकि बचे हुए नलकूपों को चालू करने को लेकर अभियान चल रहा है। उम्मीद है कि 4 महीने के अंदर बचे हुए नलकूपों में से 90 प्रतिशत चालू हो जायेंगे। विभाग ने नलकूपों के संचालन कार्य के उचित अनुश्रवण के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स(आईओटी) आधारित अनुश्रवण व्यवस्था विकसित की है। प्रथम चरण में 4 हजार नलकूपों में आई0ओ0टी0 डिवाइस लगायी जा रही है जिससे रिमोटली बैठकर नलकूपों के संचालन का आकलन किया जा सकता है। इससे यह पता चलेगा कि कौन नलकूप कितने अवधि के लिए संचालित हुए और कौन लंबे समय से बंद पड़ा है। इससे अनुश्रवण में सहूलियत होगी। अब तक 300 नलकूपों में ये डिवाइस लग चुकी है और अगले 3 महीने में सभी 4 हजार नलकूपों में इसे लगा दिया जायेगा। दिसंबर तक सभी नलकूप चालू होने के बाद बचे हुए सभी नलकूपों में ये डिवाइस लगायी जायेगी। इसके सेंट्रलाइज कमांड एंड कंट्रोल की व्यवस्था की जा रही है। इससे आने वाले समय में राजकीय नलकूपों का उचित संचालन और प्रबंधन होगा जिससे किसानों को व्यापक लाभ होगा।

सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोशी नदी में आज 2 बजे 1,83,245 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और जलस्तर फॉलिंग ट्रेंड में है। गंडक नदी में 1,77,800 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हुआ है और इसका जलस्तर भी फॉलिंग ट्रेंड में है किन्तु गंडक के जल ग्रहण क्षेत्र में 12 स्टेशनों पर मध्यम से भारी वर्षा होने के कारण आगामी 12 से 24 घंटे में इसका जलस्तर बढ़ेगा। बागमती और बूढी गंडक को छोड़कर अन्य नदियों का स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड है। बागमती नदी का जलस्तर बेनीबाद में स्टैटिक है, जबकि हायाघाट में 03 सेंटीमीटर बढ़ा हुआ है। समस्तीपुर रेलपुल और रोसरा रेलपुल पर बूढी गंडक का जलस्तर थोड़ी राइजिंग ट्रेंड में है। पूर्वानुमान के मुताबिक अगले तीन दिनों तक भारत और नेपाल क्षेत्र में लाइट टू मोडरेट बारिश होने की संभावना है। बागमती के नेपाल भाग में भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि मुख्य अभियंता, गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बाँध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चम्पारण तटबंध एवं बूढी गंडक नदी के दायें तटबंध के कंट्री साइड में निर्मित रिटायर्ड बाँध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 14 जिले के कुल 112 प्रखंडों की 1,043 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। पूर्वी चम्पारण में 02, गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 19 राहत शिविरों में कुल 26,732 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,340 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 8,82,996 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 3,92,600 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। अब तक बाढ़ से 13 लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 1 लाख 93 हजार 889 परिवारों के बैंक खाते में कुल 116 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। बाढ़ प्रभावित जरूरतमंद लोगों को पॉलिथिन सीट्स भी उपलब्ध कराया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

Related posts

Leave a Comment