फर्टिलिटी संरक्षण (प्रजनन क्षमता) पर पटना में दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

कैंसर ट्रीटमेंट के बाद लोगों का माँ – बाप बनने का सपना हो सकेगा साकार

पटना ( 26 अगस्त, 2023 ) : निःसंतानता के उपचारों की विभिन्न तकनीकों पर वार्ता करने के लिए देशभर के 300 से अधिक चिकित्सक पटना में एकत्रित हुए हैं। इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी बिहार चैप्टर, मणिपाल एसोसिएशन ऑफ़ एम्ब्र्योलॉजिस्ट, पीओजीएस के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय लेमन ट्री होटल में फर्टीलिटी संरक्षण पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस नेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत मुख्य अतिथि और सुपर 30 के संस्थापक गणितज्ञ डॉ. अभ्यानन्द, इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी के डॉ. के डी नायर, मणिपाल एसोसिएशन ऑफ़ एम्ब्र्योलॉजिस्ट के अध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार अडिगा, पीओजीएस की अध्यक्ष डॉ. मीणा सामंत, इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी बिहार चैप्टर के सचिव डॉ. हिमांशु रॉय, आयोजन सचिव डॉ. दयानिधि कुमार, डॉ. पंकज तलवार, डॉ. सुरवीन और स्वीडन से आई हुई डॉ. जूडिथ मेनजेस के द्वारा संयुक्त रूप से अशोक के पेड़ में पानी डाल कर की गयी।

इसके पश्चात आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी बिहार चैप्टर के सचिव डॉ. हिमांशु रॉय ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से तेजी से बढ़ रही निः संतानता के विषय में मरीजों तथा डॉक्टरों को जागरूक करना हमारा मुख्य उद्देश्य है। खास कर के कैंसर पीड़ितों में इलाज के दौरान बढ़ रही संतानहीनता के विषय में डॉक्टरों को इस कॉन्फ्रेंस से विस्तारपूर्वक जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कैंसर पीड़ितों को इलाज के पूर्व यथाशीघ्र फर्टीलिटी कॉउंसलिंग देने की आवश्यकता है जिससे की उनके शुक्राणुओं तथा अंडो को ससमय संरक्षित करके भविष्य में संतान सुख प्रदान किया जा सके।

इस कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से भी अधिक डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं जिन्हें हम आधुनिक तकनीक के विषय में जागरूक कर रहे हैं जिससे कि इस समस्या पर अंकुश लगाया जा सके। वहीं कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. दयानिधि कुमार ने कहा कि एक फर्टिलिटी एक्सपर्ट के रूप में हमारा मानना है कि मातृत्व का सुख सबको मिलना चाहिए। इस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हम महिला तथा पुरुषों को फर्टीलिटी के विषय में जागरूकता प्रदान करने जा रहे हैं। यहाँ डॉक्टर्स को नई तकनीकों से अवगत कराया जाएगा जिससे की फर्टिलिटी संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। पीओजीएस की अध्यक्ष डॉ. मीणा सामंत ने कहा कि लोग कैंसर के उपचार के पश्चात भी माता – पिता बन सके इसी विषय में जागरूकता लाना हमारा वास्तविक उद्देश्य है। हम डॉक्टरों को इस विषय के बारे में जागरूक कर रहे हैं जिसके फलस्वरूप वे अपने मरीजों को सुचारू रूप से जागरूक कर सकेंगे।

वहीं आईएफएस के अध्यक्ष डॉ. के डी नायर ने बताया कि इस सम्मेलन में आज प्रजनन क्षमता के संवर्धन और संरक्षण की आधुनिक तकनीकों के विषय में विशेषज्ञों द्वारा विस्तारपूर्वक उनके विचार प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक सत्रों के साथ – साथ लाइव कार्यशाला भी इस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इस संगोष्ठी में तीन अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी थे जिन्होंने विश्व में हो रही आधुनिक तकनीक के बारे में अवगत कराया। इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य जन – जन को जागरूक करना है ताकि वो कैंसर ट्रीटमेंट के बाद अपने माँ – बाप बनने का सपना साकार कर सकें।

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