द लैंग्वेज लैब के प्रांगण में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया

पटना। स्पोकन इंग्लिश के क्षेत्र में काम कर रही संस्थान द लैंग्वेज लैब के प्रांगण में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया संस्थान के प्रबंध निदेशक एके ठाकुर तथा वरिष्ठ शिक्षिका सुलेखा ठाकुर ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रबंध निदेशक एके ठाकुर ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला I इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा की डॉ. राधाकृष्णन एक उच्च कोटि के प्रख्यात शिक्षाविद , भारतीय संस्कृति के संवाहक और महान दार्शनिक थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा की शिक्षक हमारे जीवन को सही मार्ग दिखाते हैं उन्होंने कहा कि शिक्षक ही हमारे जीवन को सार्थक करते हैं। ये ही हमें जीने का तरीका और उसमें आने वाली परेशानियों से लड़ने के बारे में बताते हैं। उन्होंने कहा जीवन में सफल होने के लिए गुरु का मार्गदर्शन मिलना आवश्यक है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा की गुरु-शिष्य का रिश्ता कुम्भकार और घड़े का है I जिस तरह एक कुम्भकार कच्ची मिट्टी को ठोक-पीटकर तरह-तरह के बर्तन बना देता है ठीक उसी तरह से शिक्षक बच्चों के बालमन को संस्कार देकर बेहतर नागरिक बनाते हैं I इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ट शिक्षिका सुलेखा कुमारी ने शिक्षक दिवस के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षकों-विद्यार्थियों का रिश्ता एक पावन रिश्ता है। एक ओर जहां विद्यार्थियों के लिए अपने शिक्षकों का सम्मान जरूरी है वहीं साथ ही शिक्षकों द्वारा भी विद्यार्थियों को अपने बच्चे की भांति स्नेह व प्यार और सच्चा मार्गदर्शन देना आवश्यक है। सभी छात्र-छात्राएं इस दिन अपने गुरु यानी शिक्षकों के प्रति प्यार व्यक्त करते हैं।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दुनिया के हर समाज में शिक्षकों के योगदान को देखते हुए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया जाता रहा है I न केवल विद्यार्थी बल्कि समूचा समाज गुरुओं के आगे नतमस्तक होता रहा है I इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे उनका मानना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिएI इस मौके पर छात्रों ने अपने शिक्षकों के समक्ष रंगारंग कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जिनका आरंभ गुरु वंदना के साथ हुआI इस अवसर पर त्रिजा,नेहा, विराट, भूपेश, उत्कर्ष, मोहित, वकार और इरफान ने अपने नृत्य की प्रतिभा से सभी छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया कार्यक्रम का संचालन शैलेश और ज्ञानेश्वर के द्वारा किया गया।

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