पटना, 06 जुलाई सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद का कहना है कि सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो सकती है।
राजधानी पटना के कुरथौल के फुलझड़ी गार्डन में संस्कारशाला में सिलाई प्रशिक्षण का दूसरा बैच शुरू कर दिया गया है। पहले बैच में 30 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया गया। संस्कारशाला में महिलाओं को तीन महीने तक निशुल्क सिलाई का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
डा. नम्रता आनंद ने बताया कि जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन के प्रखर नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण कर उनके विकास के लिए उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा। महिलाओं को को प्रशिक्षण देकर उनमें हुनर पैदा किए जाएंगे। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संस्कारशाला में निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा गांव हो या शहर पढ़ाई लिखाई के बावजूद कई महिलाएं किसी प्रोफैशनल कोर्स के अभाव में जिंदगी भर चौके चूल्हे तक ही सीमित रह जाती है।
जिससे उन्हें जीवन भर तमाम तरह की दिक्कतों से जूझना पड़ता है। सिलाई कढ़ाई एक ऐसी कला है जिसे महिलाएं इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर घर पर रह कर अपने जीवन यापन के लिए स्व रोजगार करने के उद्देश्य से सिलाई कढ़ाई कर सकती है।
डा. नम्रता आनंद ने बताया कि मुझे उम्मीद है की आने वाले समय में इस प्रशिक्षण केंद्र का लाभ यहां की महिलाओं को मिलेगा और वह आर्थिक रूप से समृद्ध होंगी। इस सिलाई प्रशिक्षण केंद्र से महिलाओं को स्वावलंबन व आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा।
महिलाओं को रोजगार मिलेगा और उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिला और युवतियों को प्रमाण पत्र दिया गया। उन्होंने बताया कि सिलाई कोर्स के साथ साथ आने वाले दिनों में ब्यूटीशियन कोर्स, मेहंदी कोर्स आदि महिलाओं के हित के लिए शुरू किया जाएगा। सुनीता मिश्रा युवतियों और महिलाओं को सिलाई सिखा रही है।
पुष्पा कुमारी, आरती कुमारी, नेहा कुमारी, मिन्नी देवी, अंजली कुमारी, सुनीता देवी, पूजा कुमारी, काजल कुमारी, सुष्मा कुमारी, रानी देवी, नेहा कुमारी, शोभा देवी, अनिता कुमारी, संजू कुमारी, काजल कुमारी, प्रीति कुमारी, तनु कुमारी समेत कई महिलाओं और युवतियों को दूसरे बैच में प्रशिक्षित किया जा रहा है।