पटना। स्पोकन इंग्लिश के क्षेत्र में काम कर रही संस्थान द लैंग्वेज लैब के प्रांगण में शिक्षक दिवस के रूप में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती सोमवार को धूमधाम से मनाई गई। संस्थान के प्रबंध निदेशक एके ठाकुर तथा वरिष्ठ शिक्षिका सुलेखा ठाकुर ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए संस्थान के प्रबंध निदेशक एके ठाकुर ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भारतीय शिक्षा का अग्रदूत बताया।
इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चे की पहली गुरु मां होती है। उसके बाद गुरु ही एक अबोध बालक को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाकर उसे देश एवं समाज के लिए मूल्यवान बनाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक हर समय कोई न कोई अच्छा कार्य करते रहते हैं इसलिए उन्हें सम्मानित करना गर्व की बात होती है। शिक्षक ही समाज को आईना दिखाने का काम करते हैं। एक बच्चे को छोटी सी उम्र में समाज, संस्कृति, देश, विदेश व भौगोलिक जानकारियां शिक्षक ही देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने विद्यार्थी को समर्पण भाव से शिक्षा देता हैं, जिससे कि वह आगे चलकर उसके साथ देश का नाम रोशन कर सके। उन्होंने कहा शिक्षक को तो छात्र को हर परिस्थिति के लिए तैयार करना चाहिए ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का छात्रों के लिए समर्पण, सिखाने का तरीका और जोश ही उन्हें सभी से अलग और महान बनाता है। उनके मुताबिक शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है और इसी लिए वे छात्रों के मानसिक विकास पर भी विशेष ध्यान देते थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक की भूमिका हर किसी के जीवन में एक अलग स्थान रखती है। जैसे मिट्टी को कुम्हार गढ़कर घड़े का आकार देता है, उसी तरह शिक्षक भी बच्चे को पढ़ाकर उसे अधिकारी बनने तक की राह दिखाता है।
इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ट शिक्षिका सुलेखा ठाकुर ने कहा डॉ. राधाकृष्णन एक उच्च कोटि के प्रख्यात शिक्षाविद , भारतीय संस्कृति के संवाहक और महान दार्शनिक थे। उन्होंने कहा कि भारत के सभी छात्रों के लिए शिक्षक दिवस उनके भविष्य को आकार देने में उनके निरंतर निस्वार्थ और कीमती प्रयासों के लिए उनके द्वारा अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता को अर्पित करने का उत्सव और त्योहार है। शिक्षकों-विद्यार्थियों का रिश्ता एक पावन रिश्ता है। सभी छात्र-छात्राएं इस दिन अपने गुरु यानी शिक्षकों के प्रति प्यार व्यक्त करते हैं।
इस मौके पर छात्रों ने अपने शिक्षकों के समक्ष रंगारंग कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया जिसका आरंभ गुरु वंदना के साथ हुआ I इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुजीत, दीपक , सूरज , अभिनव, रितिका ,हिमांशु, रितिका, पुष्पांजलि, जाया, रुपाली, शिवम, यशवंत, विवेक, रजनीश, विशकांत ने अपने नृत्य एवं गायन प्रतिभा से छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दियाI कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से बादल और मानसी के द्वारा किया गया I