श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से सात दिवसीय कथक कार्यशाला ऋदम

श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से सात दिवसीय कथक कार्यशाला ऋदम का आयोजन 26 जून से
नयी दिल्ली, 25 जून श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से सात दिवसीय कथक कार्यशाला ऋदम का आयोजन 26 जून से किया जा रहा है।

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला-संस्कृति प्रकोष्ठ और श्रुति इंस्टीच्यूट ऑफ परफार्मिग आर्ट के सौजन्य से कथक कार्यशाला  ऋदम का आयोजन 22 जून को किया गया था।इस कार्यशाला में ऑनलाइन लाइव कक्षा के माध्यम से कई कथक कला प्रेमियों ने सम्मिलित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया.था। कई प्रतिभागियों के विशेष अनुरोध पर ऋदम की सात दिवसीय दूसरी कड़ी की शुरुआत हो रही है, जिसका आग़ाज़ 26 जून से शाम 7:00 बजे से होगा।.श्रुति सिन्हा एक मशहूर नृत्यांगना हैं और जीकेसी में कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यवाहक अघ्यक्ष भी हैं।

श्रुति सिंन्हा ने बताया कि जीकेसी परिवार के सदस्य जिनकी उम्र छह साल या उससे ऊपर है उनके लिए सात दिवसीय कथक वर्कशॉप श्रुति इंस्टिट्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स के द्वारा आयोजित किया जाएगा। आवेदन शुल्क रु 1100/- स्पेशल ऑफर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस परिवार के लिए है। इसमें आपके मित्र, परिवार के सगे संबंधी भी भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि श्रुति इंस्टिट्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स की तरफ से इस वर्कशॉप के बाद आपको सर्टिफ़िकेट भी मिलेगा।इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए नीचे दिए गए गूगल फ़ॉर्म को भरें। सर्टिफिकेट अंतिम दिन बच्चों के परफॉर्मेंस के बाद मिलेगी। वर्कशॉप 26 जून को शुरू होगा एवं 03 जुलाई शाम 7:00 से 8:00 तक रोज़ चलेगा। किसी भी जानकारी के लिए गूगल फॉर्म में संलग्न ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं।

https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSeZtAqKFEQrxS4QBo_vnaGytX_9X55-0mkCWSRBsE4q0-brkw/viewform

गौरतलब है कि पंडित मुन्ना लाल शुक्ला (कथक सम्राट प० बिरजू महाराज के भांजे) की शिष्या, दिल्ली कथक केंद्र से प्रशिक्षित एवं अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नृत्यांगना श्रुति सिन्हा (निर्देशिका, सिपा SIPA) कथक की कार्यशाला ले रही हैं। श्रुति सिन्हा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं, वह तबला, पखावज, गायन,योग के साथ नई दिल्ली दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं।SIPA बच्चों को कथक सिखाने के साथ गंधर्व महाविद्यालय से डिग्री भी प्रदान करती है। इस कोविड काल के दौरान बच्चों में कथक के द्वारा सकारात्मक सोच एवम प्रोत्साहन और नई ऊर्जा का संचार करती रहती है। कला
क्षेत्र में नए प्रयोग करती रहती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *