शंकराचार्य धाम हरिपुर बख्शी टोल मधुबनी बिहार में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना तथा इसके भगवती मनसा देवी मन्दिर प्रकल्प की गतिविधि के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश कुमार तिवारी।
परस्पर सहयोग एवं निरन्तर प्रयास का ही परिणाम है कि स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट हरिपुर बख्शी टोल (मधुबनी) लक्ष्योन्मुख रहते हुए कार्यशील है। यह गाँव गोवर्धनमठ पुरी पीठ के वर्तमान शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती की जन्मभूमि है तथा यहाँ स्थापित मनसा देवी सती माई उनकी आराध्या रही है।
इस जगह पर आते जाते मेरे साथ ही कई महानुभावों के मन में यह विचार आ रहा था कि माँ मनसा देवी के पवित्र स्थल पर ऐसा कार्य होना चाहिए जो इनके प्रति जन आस्था का आश्रय स्थल हो तथा भगवतपाद शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती की स्मृति को भी इस परिसर में जीवन्त रख सके। इन्हीं मनोभावों को आकार देने के लिए स्थानीय स्तर पर जब 06 मई 2018 को एक बैठक की गई तो उसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि भगवतपाद शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती महाभाग का जन्मोत्सव उसी वर्ष माँ मनसा देवी परिसर में आयोजित की जाये।
इस बैठक की अध्यक्षता नथुनी साह ने किया तथा कार्यक्रम के आयोजन का सम्पूर्ण दायित्व तदर्थ गठित समिति को दिया गया। तदनुसार दिनांक 11 जुलाई 2018 को महाराज श्री का 75 वाँ प्राकट्य दिवस बड़े उत्साह और आस्था से मनाया गया।
प्राकट्य दिवस आयोजन के बाद 12 अगस्त 2018 को जन्मोत्सव समिति के द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में भगवतपाद शङ्कराचार्य माँ मनसा देवी के सम्बन्ध में उपलब्ध कराये गए सन्देश को सुनकर वहाँ उपस्थित सभी सदस्य प्रफुल्लित एवं गौरवान्वित हुए।
महाराजश्री के सन्देश में यह विशेष रूप से उल्लिखित है कि यह एक सिद्ध स्थल है और यहाँ एक भव्य मन्दिर का निर्माण होना चाहिए। तदनुसार 21 अप्रैल 2019 को जन्मोत्सव समिति की आयोजित बैठक में समिति के अध्यक्ष नथुनी साह से यह आग्रह किया गया कि माँ मनसा देवी मंदिर परिसर की भूमि की स्थिति से समिति को वो अवगत करायें ताकि मंदिर निर्माण की दिशा में कार्ययोजना पर विचार किया जा सके।
इस पर अध्यक्ष महोदय ने उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया कि वर्ष 2016 में पंचायत की वर्तमान माननीय मुखिया राम दुलारी देवी ने माँ मनसा देवी मंदिर परिसर के लिए पाँच कट्ठा जमीन आम सभा में निर्णय लेकर उपलब्ध करा दिया है।
इस समाचार से उत्साहित होकर सदस्यों ने माँ मनसा देवी के भव्य मंदिर निर्माण के लिए भौतिक शास्त्र के सुप्रसिद्ध विद्वान और भगवतपाद शङ्कराचार्य के अनन्य कृपापात्र वयोवृद्ध डॉ० सुदिष्ट मिश्र जी से 12 दिसंबर 2019 को ही भूमि पूजन करवाया l
इस बीच समिति के सभी सदस्य इस बात को लेकर चीन्तनशील रहे कि इस सिद्धस्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण कैसे किया जायI इसलिए 24 मई 2020 को एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस कार्य को जमीन पर उतारने के लिए एक ऐसी संस्था बनाई जाय जो स्वतंत्र रूप से अपनी स्वायत्तता के साथ कार्य कर सके। ऐसा विमर्श होने पर सदस्यों ने निर्णय लिया कि शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट हरिपुर बख्शी टोल (मधुबनी) के नाम से एक नौ सदस्यीय ट्रस्ट का निबंधन करवाकर मंदिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया जाये।
इस निर्णय के आधार पर 15 जून 2020 को ट्रस्ट का निबंधन मधुबनी सिविल कोर्ट में कराया गया। उपरोक्त ट्रस्ट के वित्तीय कार्य के संचालन के लिए भारतीय स्टेट बैंक के कलुआही (मधुबनी) शाखा में दिनांक 24 अगस्त 2020 को संयुक्त खाता चालू खाते में खोला गया। इसके बाद यह ट्रस्ट कार्यशील होकर मंदिर निर्माण के लिए संसाधनों को उपलब्ध करने में सतत सक्रिय रहा है। परिणामस्वरूप 15 नवम्बर 2020 को ट्रस्ट की बैठक में सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि अगले 24 फरवरी 2021 को इस सिद्ध स्थल पर मंदिर निर्माण कार्य का शिलान्यास गोवर्धनमठ पुरी के वर्तमान शङ्कराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती के निज सचिव स्वामी निर्विकल्पानन्द सरस्वती जी के कर कमलों से सम्पन्न कराया जाये।
मुझे यह अवगत कराते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि सचिव स्वामी जी निर्धारित तिथि को इस परिसर में आए और उन्होंने बड़े उल्लासपूर्ण वातावरण में शिलान्यास कार्य को सम्पन्न किया ।
यह ट्रस्ट अब के निर्णय के आलोक भगवतपाद शङ्कराचार्य के संरक्षण और उनके निज सचिव महोदय के मार्गदर्शन तथा आप सभी के निरन्तर सहयोग से सतत कार्यशील है तथा मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है जिसे मैं सभी सदस्यों अनुयायियों, एवं इस कार्य में अभिरुचि रखने वाले आम लोगों के बीच समय समय पर विभिन्न माध्यमों से स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करती रहती हूँ। इसमें तकनीकी विशेषज्ञों की राय एवं उपस्थिति भी ट्रस्ट को समय समय पर सुलभ होती है ।
आप सभी को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि माँ मनसा शक्ति उपासना के मार्ग को प्रशस्त करने वाली ऐसी देवी है जिनका पूरे देश में दो ही स्थान हैं एक यहाँ और दूसरा हरिद्वार में।
यह स्थान सड़क मार्ग से जनकपुर (नेपाल) के रास्ते में पड़ता है। इसलिए पर्यटन की दृष्टि से भी इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाना अपेक्षित है। यह गाँव उपासना विद्या उपार्जन की दृष्टि से मिथिलांचल ही नहीं राष्ट्रीय स्तर का सरस्वती पीठ रहा है।
अतः पारम्परिक शिक्षा एवं संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में टिकाऊ कार्य करने के बहुत सारे अवसर यहाँ प्राप्त हैं l आवश्यकता है माँ मनसा के विम्ब से मिथिलांचल की संस्कृति शिक्षा एवं सनातन उपासना पद्धति को राष्ट्र के लिए प्रासंगिक बनाकर प्रतिबिम्बत करने की अवश्यकता है।
इसी क्रम में निर्माण कार्य द्रुतगति से चल रहा है।