हे भारत की कोकिला….

सूने-सूने गीत अब, सूने-सूने साज !

संग लता के खो गयी, भारत की आवाज़ !!

आँखों में पानी भरा, पूरा देश उदास !
गयी हमें तुम छोड़कर, गए नहीं अहसास !!

स्वर आपकी शान थे, स्वर आपकी आन !
स्वर आपने जो चुने, स्वर बने पहचान !!

गूँज रही है आपकी, कण-कण में आवाज़ !
हे भारत की कोकिला, हमको तुम पर नाज़ !!

नहीं नाम ये अब गुमे, अक्स रहेगा याद !
गूंजेंगे जब सुर यहाँ, होगा तेरा नाद !!

–सत्यवान ‘सौरभ’
रिसर्च स्कॉलर, कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट।

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