केंद्र सरकार के प्रमुख वित्तीय समावेशी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन धन योजना के आज सात वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह योजना देश में सभी तक बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से 2014 में आज के दिन शुरू की गई थी। योजना की वर्षगांठ पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सात वर्ष की छोटी अवधि में प्रधानमंत्री जन धन योजना से उन सभी लोगों तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचना संभव हो सका है जिन्हें यह नहीं मिल रहीं थी । वित्त राज्यमंत्री डॉक्टर भागवत कराड ने कहा कि यह योजना वित्तीय समग्रता की दिशा में देश में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में सबसे अधिक दूरी तक पहुंचने वाली योजना है।
इस योजना के अंतर्गत खाते में शून्य रकम और कम से कम कागजी कार्रवाई के साथ बैंक में खाता खोला जाता है। नकद राशि निकालने और भुगतान करने के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं और इनके साथ दो लाख रुपये का निशुल्क दुर्घटना बीमा कवरेज दिया जा रहा है। इसके अलावा सूक्ष्म बीमा, उपयोग के लिए ओवरड्राफ्ट और सूक्ष्म पेंशन जैसी अन्य वित्तीय सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
इस योजना से जन धन खातों की संख्या मार्च 2015 में 14 करोड 72 लाख थी जो इस महीने की 18 तारीख तक करीब तिगुनी होकर 43 करोड चार लाख पर पहुंच गई थी। लाभार्थियों के खातों में एक लाख 46 हजार करोड रूपये से अधिक की राशि जमा है। 55 प्रतिशत जन धन खातेदार महिलाएं हैं और 67 प्रतिशत खाते ग्रामीण तथा अर्द्धशहरी इलाकों में हैं। अभी तक खाताधारकों को 31 करोड से ज्यादा रूपे डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
साभार : NewsOnAir