गजेटियर जिला का इन्फॉर्मेशन बैंक, सभी के लिए यह जरुरी

पटना। डीएम डा चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में पटना जिला के गजेटियर के प्रकाशन हेतु जिलास्तरीय गजेटियर प्रारूप प्रकाशन समिति की बैठक हुई। इसमें गजेटियर के प्रकाशन के लिए पदाधिकारियों को पावर प्वायंट के माध्यम से विभिन्न पहलुओं पर प्रस्तुतिकरण दिया गया तथा आवश्यक जानकारी दी गई।

डीएम डॉ सिंह ने जिला गजेटियर के उद्देश्य एवं भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गजेटियर जिला का इन्फ ॉर्मेशन बैंक होता है। यह जिले के बारे में सर्वाधिक प्रामाणिक सरकारी दस्तावेज होता है। इसमें न केवल जिले का इतिहास होता है बल्कि उस जिले के बारे में एक एक तथ्य की भी जानकारी होती है। इसमें साहित्य एवं संस्कृति, शिक्षा, भूगोल एवं प्राकृतिक संसाधन, प्रशासन, विधि व्यवस्था एवं न्याय, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित सभी तरह की सूचना एवं विवरणी रहती है।

इसका उपयोग प्रशासक, शोधकर्ता, पत्रकार, विद्यार्थी, पर्यटक, राजनेता, उद्योगपति एवं अन्य जिज्ञासु करते हैं। किसी अन्य पुस्तक में विविध विषयों पर इतनी विस्तृत रोचक और प्रामाणिक सामग्री एक साथ उपलब्ध नहीं होती। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा पटना एवं दरभंगा जिला को जिला गजेटियर के पुनर्निरीक्षण हेतु पायलट जिला के तौर पर चुना गया है। गजेटियर के लेखन हेतु राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित अध्याय एवं शीर्ष के अंतर्गत पटना जिला गजेटियर की पाण्डुलिपि तैयार किया जाना है।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि पटना जिला गजेटियर का अंतिम प्रकाशन वर्ष 1970 में हुआ था। पिछले 50 साल में गतिविधियों में बहुत अधिक परिवर्तन एवं विस्तार हुआ है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा जनहित में अनेक विकासात्मक एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का सूत्रण, प्रतिपादन एवं सफल क्रियान्वयन किया गया है।

महिला सशक्तिकरण, समाज सुधार अभियान, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर रोक, मद्यनिषेध, जल जीवन हरियाली अभियान, विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय सहित विभिन्न योजनाओं का सफ लतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि गजेटियर का पूरे विश्व में प्रसार होता है। अत: इसमें विवरणियों का प्रस्तुतिकरण सर्वोत्तम तरीके से होना चाहिए। इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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