पटना : नि:संतानता को देश से मिटाने में इंदिरा आईवीएफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लोग अब जागरूक हो रहे हैं और बड़ी संख्या में भरोसेमंद इंदिरा आईवीएफ तकनीक की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इंदिरा आईवीएफ पद्धति ने पूरे देश में एक लाख से अधिक निसंतान दंपति की गोद को बच्चों के किलकारी से भर दिया है। सेमिनार का उद्घाटन प्रदेश के भूतपूर्व मंत्री श्याम रजक ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहाँ आज इस कार्यक्रम में आकर मुझे भी बेहद अच्छा लग रहा है। प्रत्येक साल 25 जुलाई को आईवीएफ दिवस मनाया जाता है। हर वह मां-बाप खुशनसीब है जिन्होंने इस पद्धति को अपनाया है।
इस मौके पर बिहार झारखंड सहित स्थानीय आईवीएफ पटना सेंटर हेड डॉ दयानिधि ने मुख्य अतिथि सहित वारिसनगर समस्तीपुर के विधायक अशोक कुमार मुन्ना, अपोलो डेंटल समस्तीपुर के डायरेक्टर डॉ. ज्ञानेंद्र व डॉ. सी खंडेलवाल को भी गुलदस्ता भेंट कर हृदय से स्वागत किया। सेमिनार का मुख्य थीम जल-जीवन-हरियाली पर केंद्रित रहा। इसलिए कई दंपतियों के बीच हरे भरे पौधों का वितरण किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि विधायक अशोक कुमार मुन्ना ने कहा कि पूरे देश में आज इंदिरा आईवीएफ एक भरोसेमंद तकनीक के रूप में उभर कर आई है। लाखों कपल्स इस तकनीक की ओर मुखातिब हो रहे हैं और इस आईवीएफ टीम की कड़ी मेहनत की बदौलत निसंतान दंपति संतान सुख पाने में कामयाब हो रहे हैं।
पटना सेंटर हेड डॉ. दयानिधि ने कहा, “इंदिरा आईवीएफ तकनीक आज लाखों लोगों का भरोसा जीत चुकी है। यह पद्धति काफी आसान है। निसंतानता के कई कारण हो सकते हैं। दिनचर्या में बदलाव और खानपान में लापरवाही सहित कई वजह से लोग निसंतानता के शिकार हो जाते हैं। आज वर्ल्ड आईवीएफ डे के अवसर पर वे उन तमाम दंपतियों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस पद्धति को मुकाम तक पहुंचाने में मदद की है।