आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिहार के उभरते खिलाडी इन्द्रजीत के बारे में। इन्द्रजीत को विगत 18 वर्ष के बाद बिहार रणजी ट्रॉफी खेलने वर्ष 2018-19 में मौका मिला। कई वर्षों तक जिला तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में तथा बीसीसीआई के विभिन्न आयु वर्ग में शानदार प्रदर्शन कर अपने को स्थापित करने का प्रयास जारी रखा।
8 वर्ष के बाद बिहार पटना के विस्फोटक बल्लेबाज इंद्रजीत को बिहार रणजी टीम में मौका मिला। उसने दूसरे हीं मैच में रिकॉर्ड दोहरा शतक 222 रन 260 गेंदों पर बनाया। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ ये रन बनाकर रिकॉर्ड बना डाला। 13 प्रथम श्रेणी मैच खेलकर असाधारण 43.41 क़े औसत से 738 रन सलामी बल्लेबाज के रूप में बनाए।
असाधारण प्रतिभा के धनी इंद्रजीत कुमार ने अपने क्रिकेट की शुरुआत 12 वर्ष की आयु में की अपने कोच क्रिकेटर पंकज मिश्रा की देखरेख में कमला नेहरू क्रिकेट ग्राउंड से की। एक साल के अंदर इन्होंने अंडर 14 एसजीएफआई में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। उसके बाद इन्द्रजीत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन्द्रजीत ने 2002-03 के सत्र में बिहार के लिए अंडर-16 विजय मर्चेंट ट्रॉफी खेली। उसके बाद जल्द ही विस्फोटक बल्लेबाज ने 2005 जेएससीए अंडर-17 विजय मर्चेंट का प्रतिनिधित्व किया।
हालांकि उन्हें अंडर-19 राज्य स्तरीय खेलने का अवसर नहीं मिला, पर वह सशक्त रूप से वापस आकर 2008-09 में सौरभ तिवारी की कप्तानी में झारखंड अंडर 22 क्रिकेट के लिए चुने गए। 2010-11 में अंडर 22 झारखंड का प्रतिनिधित्व किया तथा शानदार प्रदर्शन किया।
पटना में जन्मे बिहार के 32 वर्षीय इंद्रजीत बताते हैं कि “मेरे लिए बिहार से रणजी ट्रॉफी खेलना अविश्वसनीय उपलब्धि है।” इंद्रजीत ने बताया कि रणजी ट्रॉफी की मान्यता 2018 में मिली इससे पहले वह जिला स्तर पर शानदार क्रिकेट खेला तथा पटना के जूनियर से लेकर के सीनियर तक का प्रतिनिधित्व किया और नेतृत्व किया।
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी क्षमता के बारे में पूछने पर बताया कि मैंने सेकंड डिवीजन लीग से बड़ा स्कोर लगातार बनाते रहा। हर किसी के कैरियर में एक बाधा होती है। मैंने अपनी बाधा को लगातार खत्म करने का प्रयास किया। वर्तमान में बिहार रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं।