वित्त वर्ष 2023 में इंडियन इकोनॉमी होगी सबसे तेजी से बढ़ती एशियाई अर्थव्यवस्था

भारतीय अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक और अच्छी खबर है। दरअसल, भारतीय अर्थव्यवस्था आगामी वर्ष में एक और नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है। इस संबंध में वैश्विक वित्तीय सेवा फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान लगाया है। अनुमान के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था साल 2023 में पूरी दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ेगी, यानि भारत का विकास अन्य देशों की तुलना में कहीं अधिक तेज गति से होगा।

2022-23 में भारतीय इकोनॉमी बनेगी सबसे तेजी से बढ़ने वाली एशियाई अर्थव्यवस्था

मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों की मानें तो, वर्ष 2022-23 में एशियाई क्षेत्र में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली एशियाई अर्थव्यवस्था होने की संभावना है, जो इस अवधि के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत 7% की वृद्धि की उम्मीद करती है। केवल इतना ही नहीं विश्लेषकों ने इसे सबसे मजबूत और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया है जो एशियाई और वैश्विक विकास में क्रमशः 28% और 22% का योगदान देती है।

हालांकि आर्थिक समीक्षा 2021-22 के सारांश में केंद्र सरकार ने 2022-23 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.0-8.5% होने का अनुमान लगाया था। इसके अलावा विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमानों के अनुसार भी भारत 2021-24 के दौरान विश्व की प्रमुख तीव्रगामी अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

केंद्र सरकार लगातार कर रही प्रयास

इस क्रम में सरकार लगातार मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिलकर लगातार काम कर रही है। वहीं देश में मंदी आने की आशंका वाली कोई बात नहीं है। भारत वृद्धि के रास्ते पर है। देश चालू वित्त वर्ष तथा अगले वित्त वर्ष में तेज आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था होगा।

पूरी दुनिया की मांगों को पूरा कर रहा भारत

विश्लेषकों ने यह भी कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक दशक से अधिक समय में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार है, क्योंकि इसके जरिए पूरी दुनिया की रुकी हुई मांगों को पूरा किया जा रहा है। दरअसल कोविड काल में पूरी दुनिया में बड़े से बड़े और विकसित देशों की भी अर्थवस्था सुस्त पड़ गई थी।

कोविड के बाद अर्थव्यवस्था फिर से खुलने से बढ़ रही मांग

मॉर्गन स्टेनली भारत को लेकर बेहद पॉजिटिव है। इसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक दशक से अधिक समय में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार है। रिपोर्ट के मुताबिक, कमोडिटी की कीमतों में कमी और कोविड के बाद अर्थव्यवस्था फिर से खुलने से मांग बढ़ रही है, इससे भारत में तेजी से आर्थिक रिकवरी हो रही है। इसी आधार पर भारत की इकोनॉमी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ सकती है।

विकसित देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में भारत

हाल ही में जारी हुई वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की GDP वित्त वर्ष 2022 में 7.4 और 2023 में 6.1 रहने की उम्मीद है, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जैसे अमेरिका, यूरो एरिया, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, जापान व यूनाइटेड किंगडम की तुलना में कहीं बेहतर है।

वहीं वर्ष 2021 में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत की GDP सबसे ऊपर 8.7 रही, जिससे पता चलता है कि भारत की स्थिति अन्य विकसित देशों की तुलना में बेहतर रही है। लेटेस्ट वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक ग्रोथ प्रोजेक्शन की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर सरकार भी पॉजिटिव

भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर सरकार भी पॉजिटिव नजर आ रही है। याद हो हाल ही में ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा था कि भारत की GDP चालू वित्त वर्ष FY23 में 7.5% बढ़ने के लिए तैयार है और यह इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना देगा। इन सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद साफ होता है कि कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और आपूर्ति शृंखला में अवरोधों के बावजूद भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

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