भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (IBSA) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की, जिसमें आतंकवाद, संगठित अपराध और समुद्री सुरक्षा आदि विषयों पर बातचीत हुई।
अजीत डोभाल ने किया बैठक का आयोजन
IBSA के अध्यक्ष के रूप में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक का आयोजन किया था। भारत को इब्सा की शिखरवार्ता की मेजबानी करनी है। इस संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार बैठक का विषय लोकतंत्र-जनसांख्यिकी और विकास था। इब्सा के तीनों देश एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हैं। तीनों देशों में लोकतंत्र है और बहुलतवादी समाज है। IBSA देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की यह पहली ऐसी बैठक थी, जो बढ़ती राजनीतिक और सुरक्षा को पूरा करने के लिए तीन देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग के महत्व को दर्शाती है।
इन मुद्दों पर की चर्चा
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने बैठक के दौरान आतंकवाद विशेषकर सीमापार आतंकवाद के खतरे पर चर्चा की। उन्होंने महसूस किया कि राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा है। इसके खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ना होगा। तीनों देशों ने खुफिया सूचनाओं का साझा करने तथा इस संबंध अपनी एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।
समुद्री सुरक्षा के संबंध में सहयोग के भावी क्षेत्रों पर भी हुई चर्चा
विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में समुद्री सुरक्षा के संबंध में सहयोग के भावी क्षेत्रों पर भी चर्चा हुई। तीनों देशों ने संयुक्त नौसेन्य अभ्यास शीघ्र आयोजित करने का भी फैसला किया। भारत ने ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को अगले वर्ष आयोजित होने वाले मिलन नोसैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। समुद्री डकैती, नशीली दवाओं और मानव तस्करी से निपटने के लिए तंत्र को मजबूत करने और संचार और ऊर्जा की समुद्री लाइनों की सुरक्षा और मछली पकड़ने सहित समुद्री संसाधनों के सतत दोहन को सुनिश्चित करने पर सहमति हुई।
इस संबंध में त्रिपक्षीय ‘IBSAMAR’ समुद्री अभ्यास का अगला दौर जल्द आयोजित किया जाएगा। केवल इतना ही नहीं भारत ने 2022 में मिलन नौसैनिक अभ्यास के लिए ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को भी आमंत्रित किया। भारत ने नौसेना प्लेटफार्मों सहित प्लेटफार्मों के संयुक्त विकास के लिए प्रत्येक देश की संबंधित ताकत और संसाधनों के पूलिंग के आधार पर रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग का प्रस्ताव रखा।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग करने का किया फैसला
अंदमान निकोबार के समुद्री क्षेत्र में आयोजित होने वाले इस नोसैन्य अभ्यास में दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देश शामिल होते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने का भी फैसला किया।
क्या है ‘IBSA’?
‘IBSA’ एक अनोखा मंच है जो तीन अलग- अलग महाद्वीपों के तीन बड़े लोकतंत्रों एवं प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं अर्थात भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को एक मंच पर लाता है, जो समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ये तीनों ही देश विकासशील, बहुलवादी, बहुसांस्कृतिक, बहुजातीय, बहुभाषायी एवं बहुधार्मिक राष्ट्र हैं।
जी-8 शिखर बैठक के दौरान अतिरिक्त समय में 2 जून, 2003 को एवियन में भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री तथा ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति और दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन राष्ट्रपति के बीच बैठक में इब्सा की स्थापना पर विचार-विमर्श किया गया। इसके पश्चात इन तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की 6 जून, 2003 को ब्रासीलिया में बैठक हुई तब इस समूह को औपचारिक रूप दिया गया था और इसका नाम ‘इब्सा’ वार्ता मंच रखा गया और ब्रासीलिया घोषणा जारी की गई।
‘इब्सा’ में सहयोग तीन मोर्चों पर
पहला, वैश्विक एवं क्षेत्रीय राजनीतिक मुद्दों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए मंच के रूप में, जैसे कि राजनीतिक एवं आर्थिक अभिशासन की वैश्विक संस्थाओं में सुधार, डब्ल्यू टी ओ / दोहा विकास एजेंडा, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद आदि; दूसरा, तीनों देशों के साझे लाभ के लिए 14 कार्य समूहों तथा 6 जन दर जन मंचों के माध्यम से ठोस क्षेत्रों / परियोजनाओं पर त्रिपक्षीय सहयोग; और तीसरा, इब्सा निधि के माध्यम से विकासशील देशों में परियोजनाएं शुरू करके अन्य विकासशील देशों की सहायता करना।
इब्सा की सफलता एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन प्रभाव को दर्शाती है। यह विशेषज्ञों के आदान-प्रदान एवं प्रशिक्षण के परंपरागत क्षेत्रों से आगे दक्षिण-दक्षिण सहयोग की वांछनीयता एवं संभाव्यता को बहुत स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती है। वैश्विक मुद्दों पर प्रकटन में योगदान में ‘इब्सा’ की सफलता दक्षिण के देशों के साथ भागीदारी के महत्व को भी दर्शाती है।
साभार : NewsOnAir