पटना। रविशंकर उपाध्याय की पांडुलिपि बिहार के व्यंजन, संस्कृति और इतिहास का चयन बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग ने किया है। यह पांडुलिपि हिंदी पांडुलिपि प्रकाशन अनुदान योजना 2021-22 के लिए चयनित की गयी है। इसके प्रकाशन के लिए बिहार सरकार के राजभाषा विभाग ने 30 हजार 250 रुपये अनुदान देने की घोषणा की है। नगर विकास विभाग में पीआरओ श्री उपाध्याय समाज, राजनीति, कला और संस्कृति पर लेखन करते रहे हैं। इनकी दो न्यूज रिपोट्र्स का चयन प्रतिष्ठित लाडली मीडिया अवार्ड 2020 और 2021 के लिए भी हो चुका है। रविशंकर उपाध्याय ने बताया कि बिहार के व्यंजन का बेहद समृद्ध इतिहास रहा है। इसके बारे में उन्होंने गहन शोध और अध्ययन के आधार पर पांडुलिपि तैयार कर मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग को प्रविष्टि स्वरूप भेजा था जिसका चयन उनके लिए बेहद हर्ष का विषय है। शीघ्र ही बिहार के व्यंजनों के संबंध में तैयार यह पांडुलिपि एक संपूर्ण पुस्तक के रूप में आम पाठकों के लिए उपलब्ध होगी।
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