पटना। अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में नशा का सेवन कम है फिर भी यह तेजी से फैल रहा है। नशा की रोकथाम के लिए सरकार कठोर कदम उठाएगी।
उक्त बातें उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने हितैषी हैप्पीनेस होम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्कूल में ड्रग टेस्ट अनिवार्य किया जाएगा। हितैषी होम के 15 वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए उप मुख्यमंत्री श्री प्रसाद ने कहा कि यह संस्थान काफी बेहतर कार्य कर रहा है और इसी तरीके से समाज में सेवा करते रहें तो बेहतर होगा।
इस अवसर पर हितैषी हैप्पीनेस होम के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ विवेक विशाल ने कहा कि नशे का व्यापार आम्र्स के व्यापार के बाद इसका सबसे बड़ा कारोबार है। आज नशे को लोग फैशन और प्रचलन के रूप में ले रहे हैं। कई तरह के मानसिक और शारीरिक बीमारी के शिकार हो रहे हैं। आने वाले समय में यह इतना विकराल रूप ले लेगा कि स्वास्थ्य मनुष्य के रूप में लोगों को पहचान पाना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद अन्य प्रकार का नशा जैसे स्मैक, गांजा, भांग, गुल, इंजेक्शन, कोकीन, आयोडेक्स, पेट्रोल, डीजल और नशीली दवाइयों का प्रचलन बढ़ रहा है। यदि सही तरीके से इलाज हो तो इनसे मुक्ति मिल सकती है। इस अवसर पर आईजीआईएमएस के मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि हर 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय निरोधक दिवस मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थ के निवारण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थ का सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने उदेस्य से इसे मनाया जाता है।
इस अवसर पर बरेली की मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष ने कहा की भारत में 25 करोड़ से अधिक लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इस अवसर पर कोइलवर मानसिक अस्पताल के पूर्व सुपरिटेंडेंट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ केपी शर्मा,मनोवैज्ञानिक डॉ0 बिंदा सिंह, डॉ0 अमृता मिश्रा, हितैषी हैप्पीनेस होम की सीनियर मनोवैज्ञानिक डॉ0 प्रतिभा सिंह सहित अन्य लोगों ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर परबत्ता विधायक डा संजीव कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।