उत्तर भारत में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है, बीते कई दिनों से हो रही उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिल गई है। यूपी, दिल्ली, हरियाणा के कई राज्यों में बारिश और आसमान में काले बादलों का जमावड़ा है।
दरअसल, दक्षिणी पश्चिमी मानसून भले ही कमजोर पड़ने से बीते दिनों उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही थी, लेकिन अब समुद्री गतिविधियों से एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाओं से जहां बारिश अभी दो दिनों तक होगी, तो वहीं आकाशीय बिजली भी कड़केगी। ऐसे में खासकर किसान भाई आकाशीय बिजली कड़कने के दौरान पेड़-पौधों से दूर रहें।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि देश भर में बने मौसमी सिस्टम के अनुसार छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश पर बना हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमजोर हो गया है। एक चक्रवाती परिसंचरण उसी क्षेत्र में बना हुआ है और इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों की ओर बढ़ने की उम्मीद है। एक ट्रफ रेखा विदर्भ से तेलंगाना और रायलसीमा होते हुए तमिलनाडु के तटीय इलाकों तक फैली हुई है। मॉनसून की ट्रफ गंगानगर, अलवर, ग्वालियर, सीधी, जमशेदपुर, दीघा और फिर पूर्व दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी की ओर जा रही है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान के मध्य भाग पर बना हुआ है।
देश के इन राज्यों में होगी बारिश
अगले 24 घंटों के दौरान, गंगीय पश्चिम बंगाल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड के हिस्से, बिहार, कानपुर मण्डल सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा के कुछ हिस्सों, तेलंगाना के अलग-अलग हिस्सों, मध्य प्रदेश, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। झारखंड, तेलंगाना के शेष हिस्सों, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात क्षेत्र, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश संभव है।
बिजली कड़कने और गिरने की भी चेतावनी
मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि कानपुर मंडल के सहित पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में लाइटनिंग की घटनाएं भी संभावित हैं, क्योंकि अरब सागर से आने वाली नम हवाएं उत्तर भारत तक आते-आते गर्म हो जाती हैं और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं उत्तर भारत पर भरपूर न मिले हुए हिमालय पर्वत से टकराकर गंगा के मैदानी भागों में उन गर्म हवाओं से टकराती हैं। नम हवाएं क्योंकि नीचे होती हैं इसलिए जिन इलाकों में यह हवाएं आपस में टकराती हैं, वहां बिजली कड़कने और गिरने की घटनाएं होती हैं। जैसा कि अगले दो दिनों तक संभावना दिख रही है कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में बिजली कड़कने और गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
किसान और जनमानस को सलाह दी जाती है कि वह बिजली कड़कने के समय पेड़ के नीचे और जहां पर पानी का क्षेत्र हो वहां से दूर रहें और बालकनी में मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करें जब बिजली कड़क रही हो तो यदि हो सके तो सारी इलेक्ट्रिक की डिवाइस को ऑफ कर दें यदि कार चला रहे हो तो कार के अंदर ही रहें।
साभार : NewsOnAir