हर साल 14 सितंबर को जोश से मनाया जाता है हिंदी दिवस

(गीतावली सिन्हा) भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। इस दिन का काफी ऐतिहासिक महत्त्व था। ऐसे में हिंदी को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने यह दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाना तय किया।आज हिंदी दिवस है। इसे प्रत्येक साल बड़े जोश के साथ मनाया जाते है। यह स्वविदित है, हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है।इसके वावजूद हम इसके महत्व को नहीं…

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गुरु गोविंद सिंह की शहादत दिवस पर विशेष

कमल की कलम से ! शहीदी सप्ताह : 21 – 27 दिसम्बर वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह 21 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक इन्हीं 7 दिनों में गुरु गोविंद सिंह जी का पूरा परिवार बलिदान हो गया था. उसी रात माता गूजरी ने भी ठन्डे बुर्ज में प्राण त्याग दिए.यह सप्ताह भारत के इतिहास में ‘शोक सप्ताह’ होता है, शौर्य का सप्ताह होता है परन्तु हम इस बात को जानते तक नहीं हैं. हमें यह भी नहीं पता है कि हम और सिख एक ही धर्म के…

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बिहार की नीतिका सत्या बनी मिसेज इंडिया आईएनसी सीजन-4 की फाइनलिस्ट

19 जुलाई को श्रीलंका में करेंगी बिहार का प्रतिनिधित्व 3000 महिलाओं ने पूरे देश से भरा था फार्म जिसमें 50 का हुआ चयन 2019 में जीता था मिस कॉरपोरेट इंडिया यूनिवर्स का खिताब बिहार की बेटियां आज किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है,चाहे ग्लैमर हो थिएटर या फिर राजनीति। प्रत्येक क्षेत्र में बिहार की बेटियां कदम बढ़ा रही हैं और नया मुकाम हासिल कर रही है। इसी तरह पटना की नीतिका सत्या ने मिसेज इंडिया आईएनसी के सीजन-4 में अपनी पहचान बनाई है। कुल 50 प्रतिभागियों में बिहार से नीतिका…

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दिल्ली डायरी : मातृ दिवस

कमल की कलम से ! संपन्न हुआ ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृ दिवस समारोह 14 मई रविवार को राष्ट्रीय संस्था ‘ देवशील मेमोरियल’ द्वारा मातृ दिवस पर दिल्ली के पीजीडीएवी सांध्य महाविद्यालय में एक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें राष्ट्रीय एवम् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार एवम् कलाकारों नें शिरकत की। इस कार्यक्रम में जहां अलग अलग क्षेत्रों से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया गया वहीं अंतर्राष्ट्रीय बांसुरी वादक डॉ उस्ताद मुजतबा हुसैन और उनकी टीम नें सबको मंत्रमुग्ध कर दिया, दूसरी तरफ़ रशिका भसीन के नृत्य से देर तक सभागार…

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दिल्ली डायरी : राय पिथौरा गढ़

कमल की कलम से ! आईये आज आपको लिए चलते हैं पृथ्वी राज चौहान का किला किला राय पिथौरा. अफसोस यह है कि ज्यादातर दिल्ली वासी भी इसे नहीं जानते हैं. महरौली-बदरपुर रोड़ और अधचीनी से कुतुब मीनार की ओर जाने वाली सड़क किला राय पिथौरा को काटती हुई नजर आती है. किला राय पिथौरा के खंडहर संजय वन और ‘दक्षिण दिल्ली रिज’ के क्षेत्र में भी फैले हुए हैं. किले की दीवार के दिखाई देने वाले हिस्से कुतुबलिस्ट कोर्स के आगे ‘ किला राय पिथौरा पार्क’ में स्थित हैं.…

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