जलियांवाला बाग नरसंहार, जिसे अमृतसर का नरसंहार भी कहा जाता है, एक ऐसी घटना थी जिसमें ब्रिटिश सैनिकों ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग के नाम से जाने जाने वाले खुले स्थान में निहत्थे भारतीयों की एक बड़ी भीड़ पर गोलीबारी की थी। जलियांवाला बाग हत्याकांड,13 अप्रैल, 1919, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उस दिन पंजाब और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय फसल उत्सव बैसाखी थी। अमृतसर में स्थानीय निवासियों ने उस दिन एक बैठक आयोजित करने का फैसला किया, जिसमें सत्य पाल और…
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जड़ी-बूटियों की खेती भारत के लिए आय और निर्यात का एक बड़ा स्रोत हैं
आयुर्वेद में प्राकृतिक उपचार की हजारों वर्षों की परंपरा का मिश्रण है। आयुर्वेदिक चिकित्सा यानी घरेलू उपचार दुनिया की सबसे पुराना चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। आयुर्वेदिक तरीका रोगी को चंगा करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है, प्राकृतिक चिकित्सा में उपचार की तुलना में स्वास्थ्यवर्धन पर अधिक महत्व दिया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा स्वस्थ जीवन जीने की एक कला विज्ञान है। कोविद-19 महामारी के दौरान प्राकृतिक उपचार का ज्ञान पूरे विश्व में लाइमलाइट में आया है। इसलिए विशेष रूप से विश्व बाजार में प्राकृतिक उपचार की मांग को…
Read Moreघर का वित्त प्रबंधन करने वाली महिलाएं देश की अर्थव्यवस्था में क्यों नहीं ?
देश में नौकरी पाने की आकांक्षा के बजाय अब स्टार्ट-अप और रोज़गार सृजन की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। युवा उद्यमियों के नेतृत्व में देश में हज़ारों महत्त्वाकांक्षी स्टार्टअप्स को प्रेरित किया जा रहा है। हालाँकि उद्यमिता को प्रायः पुरुष प्रधान कार्यक्षेत्र समझकर महिलाओं की अनदेखी की जाती है। भारत को अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के लिये महिला उद्यमिता को इसके आर्थिक विकास में एक बड़ी भूमिका निभानी होगी। संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप भारत के 51 यूनिकॉर्न में से पाँच…
Read Moreयूक्रेन संकट के बीच भारत की सामरिक स्वतंत्रता
यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों ने भारत को असहज स्थिति में छोड़ दिया है क्योंकि यह मास्को और पश्चिम दोनों के साथ अपने हितों को संतुलित करने का प्रयास करता है। चीन और पाकिस्तान के साथ अपने ही पड़ोस में अपने अनुभवों को देखते हुए, भारत एक देश की दूसरे के साथ साझा की जाने वाली सीमाओं को बदलने के एकतरफा प्रयास की निंदा नहीं करने के निहितार्थों से भी सावधान है। क्वाड सदस्यों के साथ रियायतें और समझ में भारत ने तटस्थता बनाए रखना उचित समझा और भारत ने…
Read Moreसमस्याओं से घिरी भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था
भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था न केवल संस्थानों के संवैधानिक ताने-बाने में बल्कि पदाधिकारियों के मानस में भी समस्याओं से घिरी हुई लगती हैं। जैसे हमने महामारी के साथ जीना सीख लिया है, वैसे ही हमने ऐसी समस्याओं के साथ जीना सीख लिया है। जैसा कि प्रोफेसर एंड्रयू एशवर्थ ने कहा, “एक न्यायपूर्ण और सुसंगत आपराधिक न्याय प्रणाली लोगों की एक अवास्तविक अपेक्षा है”। आपराधिक न्याय प्रणाली की एजेंसियों पर कानून लागू करने, अपराध पर निर्णय लेने और आपराधिक आचरण को सुधारने का आरोप बार-बार लगता है। आपराधिक न्याय प्रणाली…
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