पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर न्याय मंच बिहार का महाधरना

पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर न्याय मंच बिहार का महाधरना

वर्ष 2007 से जेल में बंद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई की मांग को लेकर न्याय मंच बिहार ने पटना के गर्दनीबाग में महाधरना दिया। धरना को संबोधित करते हुए न्याय मंच बिहार के संयोजक मनोज लाल दास मनु ने कहा कि मंच का स्पष्ट मानना है समाजवादी विचारधारा के मानने वाले गांधी, लोहिया, जेपी के सिद्धांतों पर चलने वाले विधायक और सांसद रह चुके आनंद मोहन जिस केस में आज सजा काट रहे हैं कहीं न कहीं उसमें वे निर्दोष है। परंतु न्यायालय ने उन्हें जो सजा दिया उसको स्वीकार कर उन्होंने

न्यायपालिका के निर्देश का सम्मान किया। मनोज मनु ने कहा आजीवन कारावास की सीमा 14 वर्ष की होती है और जेल मैन्युअल में प्राप्त छुटों को अगर छोड़ दिया जाए तो उनकी सजा कब की पूरी हो चुकी है। श्री मोहन ने आज तक न तो कभी पैरोल लिया, नहीं जेल के नियमों के खिलाफ कोई कार्य किया। न्याय मंच बिहार ने राज्य के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर गांधी जयंती के पावन अवसर पर उन्हें रिहा करने की मांग की है। मनोज मनु ने कहा की न्याय मंच बिहार अगले सप्ताह दिल्ली में राष्ट्रपति प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष एवं गृह मंत्री को भी ज्ञापन देकर उनसे पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए समुचित कदम उठाने की अपील करेगी। उन्होंने कहा कि न्याय मंच बिहार को पूर्ण विश्वास है कि विकास के साथ न्याय के रास्ते पर चलने वाले मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार पूर्व सांसद श्री मोहन के साथ भी न्याय करेंगे।
मंच के मीडिया संयोजक पवन राठौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि पूर्व सांसद श्री मोहन ने पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के ऊपर कहानी भी लिखी जिसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के आठवीं बोर्ड के हिंदी पाठ्यक्रम ‘मधुरिका’ में शामिल किया गया है। इस किताब से देश के छात्र-छात्राएं लाभान्वित हो रहे हैं। श्री राठौर ने कहा इसके अलावा श्री मोहन ने जेल से ही ‘कैद में आजाद कलम’ और ‘स्वाधीन अभिव्यक्ति’ लिखी हैं जो काफी लोकप्रिय भी हुई। इस महाधरने में कई सामाजिक संगठनों अधिवक्ताओं के साथ-साथ राजपूत करणी सेना, सवर्ण सेना, चित्रांश जागरुकता मंच, बढ़ई समाज संघ, अखिल भारतीय अपराध विरोधी मोर्चा, प्रांतीय प्रवासी एवं दलित विकास मंच, यादव महासभा, मिथिला एकता मंच, हिंदू मुस्लिम एकता मंच, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, राजपूत महासभा, क्षत्रिय महासभा, लव-कुश सेना, प्रताप फाउंडेशन, युवा बिग्रेड लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच, क्षत्रिय सेवादल, कायस्थ जागरूकता मंच सहित कई अधिवक्ता और सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल थे। सभा को संबोधित करने वालों में विजेंद्र सिंह, लल्लन सिंह, धनवंत सिंह राठौर, विमल शर्मा, अजय सिंह, नीरज कुमार सिंह, वीणा वर्मा, आशीष मिश्रा, केशव पांडे, राजेश सिंह, नीतीश कछवाहा, शैलेश सिंह, धीरेंद्र कुमार, राजेश कुमार सिंह, विकास चंदेल सहित अन्य लोग शामिल थे।

Related posts

Leave a Comment