स्पेशल स्टोरी: शर्म है, कि इनको आती नहीं !

(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)

शनिवार को प्रदेश के पूर्व समाज कल्याण मंत्री एवं चेरिया बरियारपुर की विधायक श्रीमती कुमारी मंजू वर्मा के चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र स्थित उनके आवास की कुर्की जब्ती की गई।पांच घंटे चली कार्रवाई में पुलिस ने पूर्व मंत्री के आवास के शौचालय के दरवाजे को छोड़कर घर के सारे दरवाजे, खिड़की, चौखट को उखाड़ दिया। घर के पलंग, सोफा, चौकी, टेबल, पंखे एवं बर्तन समेत सारा सामान पुलिस अपने साथ ले गई।

श्रीमती मंजू वर्मा ने राजद से अपनी राजनीति की शुरुआत की।परंतु 2010 में पहली बार जदयू के टिकट से विधायक बनीं,फिर दुबारा भी चुनाव जीतने सफल रहीं और फिर मंत्री। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम आने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।मंत्री ने पति को साजिश के तहत फंसाने की बात कही। यौन शोषण मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने पूर्व मंत्री के चेरिया बरियारपुर के इसी भवन में छापेमारी की, जहां उनके घर से 50 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पूर्व मंत्री पर आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और तभी से पूर्व मंत्री फरार चल रही हैं।पूर्व मंत्री ने वकील के माध्यम से जमानत लेनी चाही, लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी। वहीं सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए बिहार सरकार को फटकार लगाई और प्रदेश के डीजीपी को तलब किया। सर्वोच्च न्यायालय में फजीहत के बाद पुलिस विशेष रूप से हरकत में आई और फिर प्रक्रिया के तहत पूर्व मंत्री के घर की कुर्की की गई।

पूर्व मंत्री अभी भी फरार चल रही हैं। लेकिन आखिर कब तक वह फरार रह सकती हैं, या रह पाएंगी। पूरे प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में जहां भी लोग उन्हें जानते हैं उनकी फजीहत तो हो चुकी।अब आखिर उनके पास बचा ही क्या ? उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता ने अपने जनप्रतिनिधि के घर की कुर्की होते अपनी आंखों से देखा। जनता ने देखा कि उनकी जनप्रतिनिधि क्या है ?कैसी हैं ?उनका फरार होना उन्हें गुनहगार साबित करने के लिए काफी है।यदि वह दोषी नहीं है तो फिर फरार क्यों हैं ? यह सवाल आम जनता के दिमाग में घूम रहा है। अब कुर्की के बाद उनकी क्या इज्जत रह गई । प्रदेश के पुलिस कप्तान ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि पूर्व मंत्री के साथ अब अपराधी के जैसा सलूक किया जाएगा।

हम सब बचपन से ही जानते हैं कि किसी के घर की कुर्की- जब्ती का मतलब है चुल्लू भर पानी में डूब मरना। मतलब किसी के सम्मान के खत्म होने का अंतिम पड़ाव है कुर्की-जब्ती। बड़ा से बड़ा अपराधी भी,घटिया से घटिया इंसान भी, समाज का सबसे नीच व्यक्ति भी अपने घर की कुर्की- जब्ती होने देना नहीं चाहता है। हद हो गई, पूरे प्रदेश की जनता देख रही है। पूरा देश टीवी और समाचार पत्र के माध्यम से पढ़ रहा है कि बिहार के पूर्व मंत्री के घर की कुर्की- जब्ती हो रही है। हम समस्त प्रदेशवासियों को अब भी तो चेतना होगा।ऐसे राजनेताओं में शर्म तो बची नहीं, इन्हें अपने सम्मान की कोई फिकर तो है नहीं। लेकिन हम बिहारियों को इसकी फिक्र करनी होगी। खुद के लिए नहीं, अपने बिहार के लिए, अपने बिहार की अस्मिता के लिए। ताकि पूरा देश हम बिहारियों को गंदी नज़रों से ना देखे। हमें अपने जनप्रतिनिधि को चुनने में सावधानी बरतनी होगी।

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