रविवारीय- दिल्ली वाकई दूर है!

कहते हैं, “दिल्ली दिल वालों की है।” कहने सुनने में ये पंक्तियां जितनी सहज और आसान लगती हैं, इनके मायने उतने ही गंभीर अर्थ रखते हैं। समय बदला है, वैश्वीकरण ने दुनिया को सिमटा दिया है, लेकिन दिल्ली की ओर बढ़ने की यात्रा में जो दूरी है, वह केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और मानसिक भी है। दिल्ली आना एक बात है, पर यहां के माहौल में रच बस जाना और दिल्ली का होकर रह जाना बिल्कुल अलग। दिल्ली किसी को बाहें फैलाकर नहीं स्वीकारती ; यह शहर आपको जांचता…

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