(अनुभव की बात, अनुभव के साथ)
शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज और यूथ ओलंपिक के शूटिंग में गोल्ड जीतने वाली गोल्डन गर्ल मनु भाकर के ट्वीट के बाद हरियाणा सरकार ने गोल्डन गर्ल को माफी मांगने की सलाह दी है।दरअसल 9 अक्टूबर 2018 को यूथ ओलंपिक में मनु भाकर ने स्वर्ण पदक जीता था।मनु भाकर की इस उपलब्धि पर हरियाणा सरकार के खेल मंत्री अनिल विज ने अगले ही दिन मनु भाकर को 2 करोड़ रुपए नगद इनाम देने की घोषणा की थी।घोषणा के तीन माह गुजर जाने के बाद भी अब तक मनु भाकर को इनामी राशि नहीं मिली है।
27 दिसंबर को हरियाणा सरकार द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया गया,जिसमें बताया गया है कि स्वर्ण पदक विजेताओं को एक करोड़ रुपए की इनामी राशि दी जाएगी।इस नोटिफिकेशन के बाद 4 जनवरी को मनु भाकर ने एक ट्वीट कर हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज को टैग किया कि ” सर कंफर्म करें कि यूथ ओलंपिक में मिले गोल्ड के बाद घोषित इनाम सही था या जुमला। “मनु के इस ट्वीट के बाद हरियाणा सरकार ने काफी नाराजगी जाहिर की।ऐसे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि मनु भाकर को इनामी राशि जरूर मिलेगी।वहीं हरियाणा सरकार के खेल मंत्री अनिल विज ने मनु के ट्वीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सार्वजनिक मंच पर यह बात रखने से पहले खेल मंत्रालय से उन्हें बात करनी चाहिए थी।अनिल विज ने कहा कि देश में सर्वोच्च पुरस्कार देने वाले राज्य सरकार की निंदा करना घृणित है। उन्होंने मनु पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए इस विवाद के लिए मनु को माफी मांगने को कहा है और अपने खेल पर ध्यान देने की बात कही।
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने इस पूरे मामले में मनु का समर्थन करते हुए हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज से कहा कि ” आप खिलाड़ी की लोकप्रियता हासिल करने की राजनीति के लिए डराना और धमकाना बंद करें,उन्होंने कहा कि अनिल विज को केंद्रीय खेल मंत्रालय से सीखना चाहिए,जो खिलाड़ियों को स्वदेश लौटने के दो दिन के भीतर ही अवॉर्ड दे देती है।”
सवाल यह उठता है कि क्या गोल्डन गर्ल मनु भाकर ने ट्वीट कर जो अपनी बात रखी वह गलत है ?क्या उन्हें सार्वजनिक मंच पर इस तरह की बात नहीं रखनी चाहिए थी ?राजनेता जो चाहे घोषणा करें,देश की जनता की आंखों में धूल झोंकने रहें,तो ठीक। लेकिन यदि कोई उनकी हकीकत से देश को रूबरू कराए तो गलत। आखिर यह कहां का इंसाफ है ?क्या अनिल विज को इनामी राशि देने में हो रहे विलंब के लिए मनु से माफी नहीं मांगनी चाहिए ?बेहतर तो यह होता कि हरियाणा सरकार इनामी राशि देने में हो रहे विलंब के लिए मनु से माफी मांगती और शीघ्र मनु को इनामी राशि देती।
हमारे राजनेता,हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज आखिर यह क्यों भूल जाते हैं कि वह एक जनसेवक हैं।वह जनता के प्रतिनिधि हैं।उन्हें जनता ने बनाया है।आज वह जो कुछ भी हैं वह जनता की बदौलत हैं।यह इनाम वह अपने घर से नहीं दे रहे,यह जनता के पैसे को ही दे रहे हैं।यदि अनिल विज इनामी राशि देने में हो रहे विलंब के लिए मनु से माफी मांगते तो निश्चित रुप से हमारे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ता और यह विवाद यहीं खत्म हो गया होता।देश को सम्मान दिलाने वाले हमारे खिलाड़ियों की तरफ हर किसी को आंख उठाकर नहीं,सम्मान से देखना चाहिए।आखिर इन राजनेताओं ने देश को क्या सम्मान दिलाया है।आखिर मनु भाकर सरकार से क्यों माफी मांगे ?