रिपोर्ट-सुबोध कुमार
रक्सौल: भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के मैत्रिक पुल नोमेंस लैंड का दौरा कर रक्सौल अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने सरिसवा नदी के किनार अस्थल की जांच की जहां उन्होंने देखा कि(नेपाल) बीरगंज महानगरपालिका के सारे कूड़ा-करकट दर्जनों ट्रैक्टरों से गिराए जा रहे थे। अध्यक्ष प्रो० अनिल कुमार सिन्हा ने अनुमंडलाधिकारी को बताया कि तीन वर्ष पहले इसके विरुद्ध मैत्री पूल पर धरना दिया गया था और कचरा गिराना बंद हुआ था पर बीरगंज महानगरपालिका पुनः मानवता के साथ खिलवाड़ कर रहा है और भारत सरकार के महत्वाकांक्षी नमामि गंगे योजना को ठेंगा दिखा रहा है । नदी के पश्चिम दूर-दूर तक गंदगियों का पहाड़ दिख रहा है । बीरगंज के औद्योगीकिकरण होने के बाद लगभग चार हज़ार कल-कारखानों का अवशिष्ट इस नदी में बहाया जाने लगा। जिसके कारण नदी का पानी काला ,जहरीला ,दुर्गन्धयुक्त होकर पर्यावरण को प्रभावित करने लगा । नदी से जीवों की समाप्ति हो गई ,न जलचर रहा और न ही वनस्पति । नदी के किनारे के खेत उसी पानी से सींचे जाने लगे जिसका परिणाम हुआ कि फूड चेन के तहत सिमांचल क्षेत्र की लगभग 10 लाख की आबादी प्रभावित हो गई । अनेको प्रकार की घटक बिमारियों से मौते होने लगी जिसमे कैंसर ,किडनी फेल ,लीवर सिरोसिस ,चरम रोग ,हाइपर टेंसन आदि प्रमुख है । नो मेंस लैंड पर बीरगंज महानगरपालिका द्वारा गिराए जा रहे गंदगियों को देखकर आश्चर्यचकित हो गए जब आधा दर्जन ट्रैक्टर नदी के किनारे कूड़ा-करकट को गिरा रहे थे । नो मैन्स लैंड का निरिक्षण करने वाले श्री कुमार पहले अधिकारी हैं ।नदी के किनारे के बहुत बड़े स्थल पर कचरा को गिराकर उसे मिटटी से दबाने का काम किया जा रहा है बल्कि कस्टम आवास के किनारे नदी को आधा भर दिया गया है जिसके कारण उसकी दीवाल कभी भी पानी के दबाव से धरासाई हो सकती है ।