(बांका से पंकज ठाकुर के साथ गुंजन वत्स की रिपोर्ट)
सूबे के मुख्यमंत्री अपने 7 निश्चय यात्रा के दौरान शुक्रवार को बांका पहुंच रहे हैं। वह यहां आकर अलग-अलग योजनाओं को देखेंगे जिसके लिए जिलाधिकारी समेत आला अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है । इसको लेकर अमरपुर प्रखंड के फतेहपुर गांव को दुल्हन सा सजाया जा रहा है । वही रजौन प्रखंड के मकरम डी गांव को भी जोर-शोर से सजाया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि मुख्यमंत्री को पंचायत भवन समेत सात निश्चय योजना में हुए कामों को दिखाने की तैयारी चल रही है । इन्हीं सब को लेकर जब बिहार पत्रिका ने सात निश्चय योजनाओं का अगल-बगल पड़ताल किया तो पाया । इस योजना के तहत आने वाले हर घर नल का जल योजना में कमोवेश 11 प्रखंड की स्थिति बद से बदतर है । जबकि रजौन और धोरैया प्रखंड के कुछ गांव के हाल का कुछ कहना ही नही । यहां कई गांव में राशि प्राप्त कर उठाया भी जा चुका है। लेकिन गांव वाले को यह पता नहीं है कि यहाँ बिछे हुए पाइप में पानी कब आएगा । जबकि रजौन प्रखंड के मोहना गांव की बात ही जुदा है । इस गांव में 9 माह पहले पाइप लाइन बिछ चुकी है । टंकी भी तैयार है । लेकिन इस और सुध लेने वाला कोई नहीं । ग्रामीणों को अपने नलके में पानी का इंतजार आज भी है । वहीं अगर इसी प्रखंड के केवड़ा गांव का हाल देखें तो यहां तो बच्चे पाइप को गिल्ली डंडा बनाने के काम में ला रहे हैं । भले ही सूबे के मुखिया यहां आकर सात निश्चय योजना को देखे । लेकिन धरातल पर इसे कितना उतारा गया इसे उन्हें कौन बताए । इन सभी योजनाओं का कमोबेश हर प्रखंड में बद से बदतर स्थिति है । वहीं शौचालय योजना पूरी तरह दलालों की गिरफ्त में फंसकर दम तोड़ रही है । हालांकि सरकार को जरूरत है इन सभी योजनाओं को धरातल पर आकर देखने की। जिससे सरकार के प्रति लोगों का विश्वास जागृत हो सके । लेकिन बाबुओं का काम तो कागजी है । इस संदर्भ में बिहार पत्रिका ने जब अगला सवाल पूछा साहेब ने अपना कन्नी काटना ही मुनासिब समझा लेकिन साहेब यह पब्लिक है सब जानती है अब देखना यह होगा की मुख्यमंत्री को सच्चाई कहां तक पहुंच पाती है