रिपोर्ट-विकास कुमार
पु०च:-छौड़ादानो प्रखंड क्षेत्र के किसान यूरिया की भारी किल्लत से जूझ रहे है। प्राप्त आवंटन के बावजूद किसान यूरिया के लिये परेशान है। इधर जमाखोर मालामाल हो रहे है बता दे कि गेहूँ की बुवाई अब अंतिम चरण पर है, ऐसे में डीएपी एनपीके बारह सौ के बदले 14-15 सौ में बिक रहा है प्रसाशन सब कुछ देख कर भी मौन है । इधर जनता से लगतार मिल रही शिकायत के मध्य नजर स्थानीय विधयक डॉ शमीम अहमद ने कहा कि इस सरकार कथनी और करनी में ब्यापक अंतर है । सरकार कागजी तौर पर किसानो के कल्याण के लिये कई कल्याणकारी योजनाओ चला रही है किन्तु धरातल पर कुछ दिखाई नही पड़ता नज़र आ रहा है । प्रखंड के लिए आवंटित गेहूँ और मसूर बीज किसानो को अधिकारियों की मिली भगत से अभी तक उपलब्ध नही हो सका वहीं खाद के कालाबाजारी से किसान का कमर टूट गया है । उन्होंने जिला प्रसाशन से अभिलम्ब इसकी जाँच कराकर खाद की कालाबाजारी पर रोक लगाने की माँग की है । उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में तैनात समन्वयक और सलाहकार कभी किसानो के खेत में नही जाते उन्हें लगातार शिकायत मिलती रही कि कृषि विभाग के कर्मी एव अधिकारी बिना नजायज नजराना लिये किसानो को सुखा अनुदान नही दिलाते । इन आरोपो के वाबत पूछे जाने पर प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी हरेन्द्र राज मेहरा ने दूरभाष पर बताया कि वो हाल ही में पदस्थापित हुए है और इस संबध में उन्हें भी शिकायत मिला है जिसकी जाँच करेंगे और दोषीयों के बिरुद्ध करवाई की जायगी। जानकारों ने बताया है कि खाद की कालाबाजारी और किल्लत का एक मुख्य कारण तस्करी और जमाखोरी है। यहा के कुछ चिन्हित दुकानदारो ने खाद तस्करो का सिंडीकेट बना रखा है तथा बाइक से खाद को तस्करी के जरिये सीमा पार पहुँचा देते है सिमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियो से उनका साठ गांठ है।