तय समय पर दूसरी डोज नहीं ले पाए तो क्या करें, बता रहे हैं कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वी के पॉल

देश में 15 फरवरी सुबह 8 बजे तक करीब 83 लाख स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। इस बीच 13 फरवरी से उन लाभार्थियों को लगाई गई, जिन्‍होंने पहली खुराक का टीका लगने के बाद 28 दिन पूरे कर लिए थे। इस बीच कोरोना की दूसरी डोज किस तरह का रिएक्शन कर रही है और अगर तय समय पर दूसरी डोज नहीं ले पाएं हैं तो क्या प्रभाव पड़ेगा, इन तमाम जानकारी के लिए कोविड-19 नेशनल टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वी के पॉल और एम्स नई दिल्ली के डॉ. नीरजा भाटला से खास चर्चा की.

दूसरी डोज को मिला अच्छा रिस्पॉन्स-

जहां सबसे पहले कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज का रिस्‍पॉन्‍स के बारे में जानकारी देते हुए डॉ. वी के पॉल ने कहा कि दूसरी डोज का काम बहुत अच्छी तरह से शुरू हुआ है। दूसरी डोज चार से छह हफ्ते के बाद लगनी होती है। चूंकि पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को ही वैक्सीन लगनी है, और सभी स्वास्थ्यकर्मी इसका महत्व जानते हैं, तो वो उत्‍साहपूर्वक दूसरी डोज ले रहे हैं। वो जानते हैं कि केवल एक डोज लेने से पूरा फायदा नहीं होने वाला, इसलिए सभी लोग नंबर आते ही दूसरी डोज लेंगे.

दूसरी डोज के लिए नहीं गए तो दोबारा दी जाएगी सूचना-

इसके साथ ही उन्होंने तय तारीख पर दूसरी डोज छूट जाने पर कहा कि वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के लिए अगर आप निर्धारित तिथि पर नहीं आ पायेंगे तो आपको दोबारा सूचित किया जाएगा। साथ ही उनको अगली लिस्‍ट में सूचिबद्ध कर दिया जाएगा। उनको दूसरी डोज के लिए पूरा मौका दिया जाएगा.

इस दौरान डॉ. पॉल ने कहा कि इस वक्त सरकार का फोकस स्वास्थ्य कर्मियों की दूसरी डोज पर है। हमारा प्रयास है कि हम जल्द से जल्द 50 वर्ष की आयु से अधिक वाले लोगों का टीकाकरण शुरू कर दें। इसके अलावा सरकार टीकाकरण केंद्र बढ़ा कर वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने के लिए प्रयासरत है.

स्तनपान कराने वाली महिला स्वेच्छा से लगवा सकती हैं वैक्सीन-

एक तरफ जहां वैक्सीनेशन के दायरे को धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है वहीं स्तनपान कराने वाली महिला को लेनी है कि नहीं इसे लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। इस बारे में डॉ. नीरजा भाटला ने बताया कि पूरी दुनिया में अभी तक कोविड वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर नहीं हुआ है। इसलिए उन्‍हें टीकाकरण में शामिल नहीं किया गया है। हर वैक्‍सीन के शुरुआती ट्रायल में ऐसा ही किया जाता है। हालांकि सीडीसी (CDC) की गाइडलाइंस के अनुसार फिलहाल ऐसा कोई कारण नहीं पाया गया है, जो गर्भवती महिला या उनके होने वाले शिशु पर वैक्सीन का नकारात्मक प्रभाव पड़े। इसलिए अगर कोई महिला स्वेच्छा से वैक्सीन लगवाना चाहती है तो वो यह लगवा सकती है.

सर्जरी कराने से पहले वैक्सीन लगवानी कितनी जरूरी-

वहीं एक अन्य सवाल में में कि अगर सर्जरी करानी है तो क्या उससे पहले वैक्सीन लगवानी होगी इस पर उन्होंने कहा किऐसा नहीं है कि वैक्सीन नहीं लगवायी है तो सर्जरी नहीं होगी। सर्जरी से वैक्सीन का कोई लेना-देना नहीं है। वैसे भी डॉक्टर कोई भी सर्जरी करने से पहले कोविड टेस्‍ट करते हैं। अगर किसी को पता है कि मेरी सर्जरी होने वाली है, तो वो दो हफ्ते पहले से स्‍वयं को आईसोलेशन में रखें, ताकि उन्‍हें इंफेक्शन (infection) का काई खतरा नहीं हो।

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