पटना। महकी हर कली कली भंवरा मंडराए रे, सजनवा बसंत ऋतु आये रे, नैनों में सपने सजे मन मुस्काए, झरने की कल.कल गीत कोई गाये रे। ठंड की मार से सूखी धरा जब व्याकुल हो उठी तो मानो ईश्वर ने ऋतुराज वसंत को बुलाकर चारों ओर हरियाला आंचल ही फैला दिया। डाली डाली फूल खिल उठेए मधुप गुंजार करने लगेए सरसों के पीले फू लों को देखकर ऐसा लगने लगा जैसे धरती ने पीली साड़ी पहन रखी हो। ऐसे सुगंधित और सुवासित वातावरण में नागार्जुन, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रा नंदन पंत, केदारनाथ अग्रवाल, सुभद्रा कुमारी चौहान मशहूर कवियों एवं कवित्रियों ने अपने अपने मनोभावों को जमकर उकेरा। सामाजिक, साहित्यिक संस्था सामयिक परिवेश द्वारा इन्हीं मशहूर व चर्चित कवियों पर आधारित एक वसंत काव्य उत्सव का एक सुन्दर आयोजन बेली रोड के ज्योतिपुरम में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सामयिक परिवेश संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता मेहरोत्रा, नई धारा के संपादक एवं वरिष्ठ कवि डॉ शिवनारायण सिंह, प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत एवं चर्चित कवि पंकज प्रियम, कवयित्री रूबी भूषण ने शुभारंभ किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सामयिक परिवेश की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता मेहरोत्रा ने कहा कि वसंत ऋतु हमारे जीवन में नूतनता का संचार करता है। शरद ऋ तु की समाप्ति के बाद ऋ तुराज वसंत का आगमन होता है जिससे हमारी जिंदगी में नई चेतना, नवप्रवाह, नवलय, सौंदर्य, समरसता और खुशहाली आती है।
Related Posts
”इन्वेस्ट आईटी बिहार अभियान” के तहत निवेश करने की पहल के लिए उठाये जा रहे हैं महत्वपूर्ण कदम
“उद्यमियों और निवेशकों को आईटी उद्योग में निवेश हेतु प्रोत्साहित करने और बिहार को सबसे सुविधाजनक निवेश डेस्टिनेशन के रूप…
संगीता तिवारी की फिल्म ‘सुपरस्टार राधे रंगीला’ बन कर तैयार
संगीता तिवारी और राकेश मिश्रा अभिनीत भोजपुरी फिल्म ‘सुपरस्टार राधे रंगीला’ बन कर तैयार है । इसमें राकेश मिश्रा का…
‘नदिया के पार’ की “गुंजा”
अनूप नारायण सिंह की रिपोर्ट ‘नदिया के पार’ की गुंजा यानी साधना सिंह इस फिल्म से काफी प्रसिद्ध हो…