पटना। शिक्षा सेवा प्रशासनिक संवर्ग के उच्च अधिकारियों को विद्यालय व उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय में पढने वाले छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाने के लिए उन्हें राज्य स्तरीय प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर राज्य के सभी जिलों से आये शिक्षा विभाग के डीपीओ ने हिस्सा लिया। राज्य सरकार के पहल पर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद पटना ने विशेषज्ञ के रूप में डॉ मनोज कुमार मनोवैज्ञानिक चिकित्सक के नेतृत्व में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ मनोज कुमार ने बताया कि विगत दो सालों में बच्चों व युवाओं में अलग अलग किस्मों के मानसिक परेशानियां देखने को मिल रही हैं।
पोस्ट कोविड प्रभाव पर चर्चा करते हुए डॉ मनोज ने कहा कि विद्यालय स्तर पर छात्रों को हो रहे तनाव और दबाव से बचाव के उपाय सिखाये जाने की आवश्यकता होने लगी है। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सरकार कम बजट रख रही है। इस क्षेत्र में बच्चों व युवाओं को काफ ी आवश्यकता इस में हो रही है। वैश्विक बंदी के उपरांत किशोर किशोरियों में अक्रामकता व दुश्चिंता के केसेज बढ रहें हैं। इनमें कम सोने और कमजोरी महसूस करने का मामले स्कूलों में ज्यादा देखने को मिल रहें।
बिहार में बच्चों व युवाओं में भूलने, कन्फ्यूज रहने और विचार शून्यता से संबंधित मामले प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के विद्यार्थियों में ज्यादातर देखने को मिल रहा है। डा मनोज कुमार ने कहा कि बिहार के प्राथमिक ए मध्य विद्यालय व उच्चत्तर मध्य विद्यालयों में छात्रों के साथ शिक्षकों को भी मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाना अति आवश्यक है।