व्हाइट गुड्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पीएलआई स्कीम को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत 19 कंपनियों ने व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना के दूसरे दौर में आवेदन दाखिल किया है। इसके लिए प्रमुख वैश्विक और घरेलू कंपनियों ने 1,548 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
क्या है व्हाइट गुड्स उत्पाद
टेलीविजन, वॉशिंग मशीन, डिश वॉशर, एयर कंडीशनर, फूड प्रोसेसर और एलईडी लाइट्स आदि व्हाइट गुड्स यानि श्वेत उत्पादों में आते हैं। कुछ समय पहले तक व्हाइट गुड्स का भारत आयात करता था। लेकिन मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत PLI स्कीम के जरिए भारत सरकार देश में ही इन उत्पादों को मैन्यूफैक्चरिंग करने के लिए कंपनियों को इंसेंटिव दे रही है।
इन कंपनियों ने किया आवेदन
पीएलआई योजना के लिए दूसरे चरण में इस बार एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, अडानी कॉपर ट्यूब्स, जिंदल पॉली फिल्म्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, विप्रो, जेको एयरकॉन, स्टारियन इंडिया और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज जैसी कई कंपनियां उन कंपनियों में शामिल हैं, जिन्होंने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के पुर्जों के निर्माण के लिए आवेदन किया है।
इन पुर्जों को करेंगे निर्माण
कंपनियों ने उन पुर्जों के उत्पादन के लिए आवेदन दायर किए गए हैं, जो वर्तमान में पर्याप्त क्षमता के साथ भारत में निर्मित नहीं हैं। एयर कंडीशनर के लिए, कंपनियां कॉपर टयूबिंग, कंप्रेसर, आईडीयू या ओडीयू के लिए कंट्रोल असेंबली, हीट एक्सचेंजर और बीएलडीसी मोटर सहित अन्य पुर्जों का निर्माण करेंगी। इसी तरह, एलईडी लाइट्स के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर आदि के लिए मेटलाइजर फिल्मों का निर्माण भारत में किया जाएगा।
7,074 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद
कुल मिलाकर, यह योजना एसी और एलईडी लाइट उद्योग के पुर्जे निर्माण इको-सिस्टम में 7,074 करोड़ रुपये का निवेश लाएगी और लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी। इस योजना से भारत में करीब 1,07,134 करोड़ रुपये मूल्य के एसी और एलईडी के पुर्जों के उत्पादन की उम्मीद है।
क्या है PLI स्कीम?
विदेशी कंपनियों को भारत में सामान बनाने के लिए आकर्षित करने के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की शुरुआत की है। इसके तहत केंद्र सरकार अगले 5 सालों में भारत में सामान बनाने वाली कंपनियों को 1.46 लाख करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि देगी। इस स्कीम के तहत 13 सेक्टर में 2 लाख करोड़ के निवेश और 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इस स्कीम का लाभ भारत के उभरते हुए सेक्टर- खाद्य प्रसंस्करण, उन्नत रसायन विज्ञान, ऑटोमोबाइल, नेटवर्किंग उत्पाद, टेलिकॉम, फार्मा और सोलर पीवी निर्माण आदि ले सकते हैं। इस योजना के तहत पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान ने मैन्युफैक्चरिंग को अहम स्थान दिला दिया है और भारत के विकास और रोजगार सृजन में इसके महत्व पर जोर दिया है।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 6,238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक व्हाइट गुड्स (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए पीएलआई योजना को 7 अप्रैल 2021 को मंजूरी दी थी।
4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से दी जाएगी प्रोत्साहन राशि
व्हाइट गुड्स पर पीएलआई योजना भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स उद्योग के लिए सम्पूर्ण पुर्जे इकोसिस्टम बनाने और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनाने के लिए तैयार की गई है। पीएलआई योजना के तहत एयर कंडीशनर तथा एलईडी लाइट के निर्माण से जुड़ी कंपनियों को अगले 5 वर्षों के दौरान भारत में निर्मित वस्तुओं की बढती हुई बिक्री पर 4 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की दर से इंसेंटिव राशि दी जाएगी। वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कल-पुर्जों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न क्षेत्रों को चुना गया है। तैयार वस्तुओं को सिर्फ जोड़ने (असेम्बल) के लिए प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाएगी।
क्यों है जरूरी
इस योजना के तहत छोटे-छोटे पुर्जे ज्यादातर उपकरण एमएसएमई बनाते हैं, ऐसे में एमएसएमई क्षेत्र को फायदा होगा और बड़े स्तर पर भारत में रोजगार सृजित होंगे। साथ ही साथ इस योजना से भारत को एसी और एलईडी उपकरणों के निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। यह पीएलआई स्कीम भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को काफी आगे लेकर जाएगी। इस योजना से वैश्विक निवेश आकर्षित करने, बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने और निर्यात में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। इस योजना से शोध, विकास व नवाचार में निवेश तथा प्रौद्योगिकी उन्नयन में सहायता मिलेगी।
पहले चरण में 42 कंपनियां पीएलआई के लिए हुई शामिल
गौरतलब हो कि शुरू में 15 जून 2021 से 15 सितंबर 2021 तक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। कुल 52 कंपनियों ने अपना आवेदन दायर किया था। सभी आवेदनों के मूल्यांकन के बाद, 4,614 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश वाले 42 आवेदकों को पीएलआई योजना के तहत लाभार्थियों के रूप में चुना गया था।
ऐसे में अब निवेश के लिए योजना दिशानिर्देशों के तहत अतिरिक्त आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदनों के दूसरे दौर के लिए ऑनलाइन आवेदन विंडो 10 मार्च से 25 अप्रैल तक की अवधि के लिए खुली थी।