विश्व के कायस्थों को एकत्रित और एकजुट करने के लिए “विश्व कायस्थ महासम्मेलन” का आयोजन 19 को दिल्ली में

पटना। नयी दिल्ली के तालटकटोरा स्टेडियम में 19 दिसंबर को होने वाले विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्‍मीदों का कारवां’ कार्यक्रम में शिरकत करने के लिये ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष दीपक अभिषेक ने कहा है कि देश-विदेश में फैले बड़ी संख्या में कायस्थों को एकजुट कर सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्र में एक बार फिर शिखर पर पहुंचने की जोरदार पहल की गई है। इसी क्रम में आगामी 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया गया है। कई सारे कारण हैं, समस्याएं अनगिनत हैं, लेकिन समाधान अब बस एक है- सभी कायस्थों का एक होना। और इसके लिए जरूरत है सामूहिक प्रयास करना और कलम दवात के साथ साहस और एकता को आत्मसात करना। दीपक अभिषेक ने कहा कि इसीलिए एक सुनहरे भविष्य के निर्माण और समूचे व्यवस्था को कुंभकर्णी निद्रा से जगाने के उद्देश्य से पूरे विश्व के कायस्थों को एकत्रित और एकजुट करने के लिए “विश्व कायस्थ महासम्मेलन” का आयोजन जीकेसी(ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस) द्वारा माननीय श्री राजीव रंजन प्रसाद जी की अध्यक्षता में भारत की राजधानी दिल्ली के ‘तालकटोरा स्टेडियम’ में दिनांक 19 दिसंबर 2021 को होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज हम सब से हमारा कायस्थ समाज और हमारी आने वाली पीढ़ी यह आह्वान कर रही है कि हम सब कायस्थ बंधु और हमारे सभी संगठन अपने सारे मतभेदों को भुलाकर इस ऐतिहासिक महासम्मेलन का हिस्सा बनें और अपने कायस्थ समाज को गुमनामी के मुंह से निकालकर फिर से बुलंदियों पर पहुंचाने हेतु इस यज्ञ में अपनी क्षमता अनुसार आहूति दे। प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में फैले कायस्थ अपनी सामाजिक, शैक्षणिक व्यासायिक और राजनीतिक क्षेत्र में वाजिब हिस्सेदारी के लिए तेजी से एकजुट हो रहे हैं। इसी क्रम में विभिन्न कायस्थ संगठनों ने विश्व कायस्थ महासम्मेलन को अपना समर्थन देकर एकजुटता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। अभी का समय पूरी तरह निर्णायक है क्योंकि राजनीतिक तथा रोजगार के क्षेत्र में हमारे हितों को नजरअंदाज किए जाने के स्पष्ट संकेत हाल के महीनों में मिले हैं। ऐसी स्थिति में हम एक बार पुनः अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप कायस्थों को हर क्षेत्र में शिखर पर लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

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