मेरा गाँव मेरी धरोहर सर्वे के अंतर्गत, सराय और सत्तर गाँव का कल्चरल सर्वे

सीएससी के द्वारा गाँव की संस्कृति सामाजिक आर्थिक खानपान पहनावा की जानकारी हेतु पूरे बिहार में कल्चरल सर्वे का काम शुरू किया गया है । सर्वे के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी सम्पर्क किया गया । जिसके द्वारा हमारे देश के सभी गाँव अपनी विशिष्ट पहचान बना सकेंगे।

आज बिहार में 45 हजार गाँव है और हमारे गाँव अपनी संस्कृति पहचान रखते है हर गाँव अपने में विशेष है इसी विशेषता को एक पहचान प्रदान करने हेतु सीएससी की प्रयास बहूत अहम है ।

इस सर्वे में गाँव की सारी जानकारी दी जा रही है ।इसी सर्वे के अंतर्गत आज पटना ज़िला के दो गाँव सराय और सत्तर का सर्वे सीएससी वरीय प्रबंधक मुदित मणि के द्वारा किया गया । सर्वे के दौरान सीएससी टीम ने स्थानीय लोगों से सम्पर्क किया और गाँव की जानकारी प्राप्त किया ।हर गाँव की एक कहानी है और यह जानकारी सब तक तक जाए । यह कार्य सर्वे के द्वारा दिया जा रहा है। सर्वे के दौरान सराय के पवित्र तालाब की रोचक जानकारी वह के स्थानीय लोगों ने दिया । कहा जाता है वह तलाब एक ज़मींदार ने बनाया था जिन्हें संतान नही थी उस हालत में किसी ने उन्हें तालाब बनाने और मंदिर निर्माण करने को कहा उनकी बात को मान कर ज़मींदार ने तलाश और मंदिर का निर्माण भी किया । इसके बाद उन्हें संतान की प्राप्ति हुई । आज साराय गाँव का यह तालाब आस्था और विश्वास का केंद्र है । प्रति वर्ष छठ महापर्व पर घाट बना कर छठ पूजा मनाया जाता है । इस घाट पर सूर्य मंदिर भी स्थित है।

इसी तरह इन सत्तर गाँव का सर्वे किया गया तब वह पाँच मुहानी रास्ता है जो इस गाँव के लिए चर्चा का विषय है।
यह प्रयास गाँव को आर्थिक सामाजिक मज़बूती में एक महत्वपूर्ण प्रयास रहेगा ।

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