पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते 8 साल में ऐसे कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं जिससे देश की तस्वीर और तकदीर दोनों बदली है। अब ऐसे ही वर्षों से लंबित पड़े एक मामले को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। इससे रेलवे के राजस्व और सामानों की आवाजाही को लेकर समस्याएं दूर हो जाएंगी। पीएम की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गति शक्ति योजना के आधारभूत ढांचे को और मजबूत करने के लिए रेलवे की भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देने की नीति को मंजूरी दे दी है।
अगले पांच साल में देशभर में 300 कार्गो टर्मिनल
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत अगले पांच साल में देशभर में 300 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। इन टर्मिनल्स के विकसित होने से न सिर्फ सामानों की आवाजाही में आसानी होगी बल्कि परिवहन की बेहतर सुविधा और सही समय पर सामान के पहुंच जाने से नुकसान भी कम होगा।
1 लाख 20 हजार लोगों को रोजगार
इस स्कीम के तहत माल संबंधी गतिविधियों, जन उपयोगिताओं और रेलवे के खास इस्तेमाल जैसे कार्यों में रेलवे की भूमि को दीर्घकालिक पट्टे पर देने की नीति को मंजूरी दी गई है। इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति, दूरसंचार केबल, जलमल निपटान, नालियां, ऑप्टिकल फाइबर केबल, पाइपलाइन, सड़क, फ्लाईओवर, बस टर्मिनल, क्षेत्रीय रेल परिवहन, शहरी परिवहन जैसी जन उपयोगिताओं के एकीकृत तरीके से विकास में मदद मिलेगी जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा।
सरकार के राजस्व में होगा इजाफा
रेलवे भूमि को दीर्घकालिक भूमि पट्टे पर देने की नीति को और अधिक उदार बनाने से सभी हितधारकों, सेवा प्रदाताओं, ऑपरेटरों के लिए ज्यादा कार्गो संबंधी सुविधाएं स्थापित करने के रास्ते खुलेंगे। इससे रेलवे के लिए अतिरिक्त कार्गो यातायात और माल ढुलाई राजस्व पैदा करने में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है कि ये नीति भूमि के प्रति वर्ष बाजार मूल्य के 1.5 प्रतिशत की दर से 35 वर्ष तक की अवधि के लिए, कार्गो से संबंधित गतिविधियों हेतु रेलवे की भूमि को लंबी अवधि के पट्टे पर प्रदान करने का प्रावधान करती है।
पीएम गति शक्ति योजना
केंद्र सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए समन्वित और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन के लिए महत्त्वाकांक्षी गति शक्ति योजना या ‘नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लान’ लॉन्च किया है। इस योजना का उद्देश्य जमीनी स्तर पर काम में तेजी लाना, लागत में कमी करना और रोजगार पैदा करने पर ध्यान देने के साथ-साथ आने वाले वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है।
भारतमाला परियोजना
केंद्र सरकार ने देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास और पूर्व में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के उद्देश्य से भारतमाला परियोजना की शुरुआत 2015 में की। अब तक इस परियोजना के माध्यम से हजारों किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग वाली सड़कें बनाई जा चुकी हैं। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों (नेशनल कॉरिडोर्स) को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जा रहे हैं। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को राजमार्ग से जोड़ना भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जाहिर है केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से देश में कनेक्टिविटी बेहतर हुई है और अब उठाए गए इस कदम से कई क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है क्योंकि रेलवे का संगठन और नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। ऐसे में रेलवे अपनी मौजूदा भूमि के साथ बुनियादी ढांचे के अन्य माध्यमों को अच्छी तरह से एकीकृत करता है तो इससे रेलवे का राजस्व तो बढ़ेगा ही साथ ही देश की लॉजिस्टिकल समस्याएं भी दूर हो जाएगी।