पटना। शुक्रवार की रात हुई बारिश ने एक बार फिर से राजधानी में नगर निगम की तैयारी की पोल खोल दी है। राजधानी को जल निकासी से मुक्त कराने के लिए करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाए गए लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात साबित हुए। राजधानी के राजीव नगर, राजेंद्र नगर और कंकड़बाग जैसे इलाकों के साथ विधानमंडल तक जलजमाव है। यहां तक कि उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के आवासीय परिसर में भी डेढ़ फीट तक पानी है। बिहार विधानसभा में भी जलजमाव हो गया है।
घुटने से थोड़ा नीचे पानी भर गया है। इसके अलावा पटना एयरपोर्ट समेत कई वीआईपी इलाके भी कुछ ही घंटे की बारिश में डूब गए हैं। पटना के कई इलाकों में जल जमाव की वजह से लोगों का जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। जलजमाव के बाद नगर निगम पूर्व की भांति एक बार फिर से लोगों को कोरा आश्वासन देने में जुट गया है।नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा है कि राजधानी से छह घंटे के भीतर जल निकासी हो जाएगी लेकिन शहर में अधूरा नाला, नाला विहीन मोहल्लों में विकट हो चुकी स्थिति को संभालने के लिए विभाग के पास फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। ऐसे में राजधानी के लाखों लोगों को इस बरसात ने फिर से दो साल पहले के जल जमाव की त्रासदी को याद दिला दिया है।
भागवतनगर, ट्रांसपोर्टनगर, रामकृष्णानगर, जीपीओ, योगीपुर, नंदलाल छपरा, बोरिंग रोड, स्टेशन गोलंबर, भट्टाचार्य राज्य, एयरपोर्ट निकट, विकास भवन ऐसे इलाके हैं जहां लाखों लोगों को हर साल की भांति इस बार भी जल जमाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बरसात में जलजमाव के बीच खुले मेनहोल के चेंबर और जर्जर सड़क के खतरनाक गड्ढे कई बड़े हादसों को दावत दे रहे हैं। जलजमाव प्रभावित इलाकों में दौरा के माध्यम से जन प्रतिनिधि जल निकासी का दावा तो कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में पब्लिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
पटना से श्वेता की रिपोर्ट