बिहार विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में नीतीश कुमार अपने राजनीतिक रोज़गार के चक्कर में बिहार के करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार बनाते गए। आज देश मे सबसे ज्यादा बेरोजगारी जो की 46.6% है वो बिहार मे है। सबसे ज्यादा रोज़गार के लिए राज्य से बाहर पलायन बिहार में है, सबसे अधिक गरीबी बिहार में है, यहाँ आधे से अधिक 52% लोग ग़रीबी मे जी रहें। अपने पूरे शासनकाल में नीतीश जी ने ग़रीबी, बेरोजगारी, भुखमरी, भ्रष्टाचार और अपराध में ज़बरदस्त विकास किया है। हमारे नौजवान साथी Graduation, Post Graduation, PhD Engineering, इत्यादि पढ़ाई कर या तो बेरोजगार घूम रहे या मजदूरी कर रहे है।
उन्होंने कहा विभिन्न विभागों में लगभग साढ़े चार लाख रिक्तियां वर्षों से लंबित हैं जिनको भरने में सरकार की कोई दिलचस्पी या तत्परता कभी नहीं दिखी। शिक्षा विभाग हो या स्वास्थ्य या पुलिस हो या किसी भी सरकारी विभाग में हज़ारों पद खाली हैं लेकिन सरकार की कभी प्राथमिकता इन खाली पड़े पदों के भरने की नही रही। नीतीश कुमार ने रोज़गार के नाम पर सिर्फ़ संविदा और मानदेय भत्ता का झुनझुना देकर बेरोजगारों को साधने की कोशिश की। वो चाहते हैं की संविदा पर बहाल कर इन लोगों को अपना बंधुआ मजदूर बना कर रखें, इनकी जिंदगी में अनिश्चितता बनी रहे और वो हर चुनाव में मामूली वेतन वृद्धि कर उनका वोट लेते रहें। आख़िर संविदा कर्मियों के भविष्य से कबतक ये खिलवाड़ चलता रहेगा?
श्री यादव ने कहा कि बिहार सरकार के कर्मचारी चयन आयोग, बिहार प्रशासनिक सेवा आयोग हो या कोई भी भर्ती संबंधी संस्था सभी को एक भर्ती प्रक्रिया पूरी करने में 5-6 साल कम से कम लगता है और उसमें भी व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार। आज तक कोई भी भर्ती परीक्षा नियमित नहीं हो पाया। पिछले एक साल से मैंने बेरोजगारी हटाने और रोज़गार के अवसरों को सृजित करने के लिए सरकार से लगातार माँग किया है। नतीजतन आजकल चुनाव में हार का ख़तरा भाँप कर नौकरी का विज्ञापन देने का नाटक कर रहे हैं। जिस व्यक्ति ने अपने 15 वर्षों के शासनकाल में रोज़गार सृजन के प्रति गम्भीरता और रुचि नहीं दिखाई क्या उससे आप उम्मीद कर सकते हैं की वो एक महीनें मे आपको नौकरी देगा? 2014 के लोकसभा चुनाव के समय दी गयी भर्ती विज्ञापन का मुख्य परीक्षा आज तक नहीं हो पाया तो भला अभी घोषणा करके नीतीश जी आपको रोज़गार दे सकते हैं?
इस महामारी मे सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद नीतीश जी मनरेगा के तहत रोजगार सृजन की बात करते हैं। मै जानना चाहता हूं कि कितने लोगों को इसमें रोज़गार दी गई? निर्माण कार्यों के अलावा क्या कोई रोजगार के अन्य अवसर उपलब्ध कराया गया? शिक्षित और स्किल्ड बेरोजगारों के लिए क्या आपने एक भी अवसर सृजित किए? मै मुख्यमंत्री जी से आग्रह करता हूँ की चुनावी बहाली का नाटक छोड़ दें, युवाओं को दिग्भ्रमित करना बंद करें, उनके सब्र की अब और इम्तिहाँ नहीं लें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा मैंने फरवरी महीने में बेरोजगारी हटाओ यात्रा का आगाज़ पटना से किया था और पुरे राज्य में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर नौजवानों से रूबरू होना चाहता था, उनके समस्याओं को समझना चाहता था और अपनी पार्टी का रोज़गार उपलब्ध कराने का रोडमैप प्रस्तुत करना चाहत था लेकिन इस कोरोना महामारी के कारण दुर्भाग्यवश इस राज्यव्यापी कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। आज मैं उसी कड़ी में बेरोजगारी हटाने के लिये पूरे राज्य के बेरोजगार नौजवान भाइयों और बहनों का एक डेटाबेस तैयार करने के लिए एक वेबसाइट और टोल फ्री नंबर जारी करने जा रहा हूं ताकि सरकार बनने पर त्वरित कार्रवाई करते हुये रोज़गार सृजन पर काम किया जा सके। वेबसाइट है www.berozgarihatao.co.in जिसपर आपको अपना biodata और संपर्क सूत्र भरना होगा. टोल फ्री नंबर 933 430 2020 है जिस पर आप मिस्ड कॉल कर पंजीकृत कर सकते हैं।
तेजस्वी ने कहा हमने विशेषज्ञों से परामर्श कर रोज़गार सृजन के लिए एक समग्र योजना तैयार किया है जिससे ये सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक योग्य व्यक्ति के लिए उसके skillsets के अनुसार नौकरी दी जा सकेगी। इसकी जानकारी उपयुक्त समय पर आपको दी जायेगी। अगर सृजनात्मक सोच हो तो मुश्किल से मुश्किल काम आप बड़े आसानी से कर सकते हैं लेकिन आप में उस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इच्छाशक्ति होनी चाहिए जो मुझमें है और नीतीश कुमार में कभी नही दिखा। उनका समर्पण सत्ता के लिये है मेरा समर्पण युवाओं के दुख दर्द के लिये है। मैं समझता हूं कि बिहार में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है और किसी भी सरकार की पहली, दूसरी, तीसरी और आखिरी प्राथमिकता इसको दूर करना ही होनी चाहिए और आज मैं इस बात का वचन देता हूं कि हमारी सरकार की प्राथमिकता रोज़गार सृजन ही होगा।
नेता प्रतिपक्ष ने बेरोजगारी हटाने की बात करते हुए कहा, हमारी सरकार सभी Backlogs को एक mega drive में भरेगी, सभी भर्ती परीक्षाओं को नियमित करेगी और आबादी के अनुपात में हरेक विभाग में नए कर्मचारियों की vacancy निकालेगी ताकि workload कम हो सके। सबसे महत्वपूर्ण बात मै आपको बताना चाहूँगा की हमारी सरकार हर सम्भव प्रयास करेगी की स्थायी नियुक्ति की जाए। गुणवत्ता और पारदर्शिता को केंद्रबिंदु बना कर एक समय सीमा के अन्दर बहाली के विज्ञापन से लेकर परीक्षा और नियुक्ति कि कोशिश की जायेगी। बिहार से बेरोजगारी हटाने के लिए नीतीश कुमार को हटाना होगा।आइए हम सब संकल्पित हों कि इस निकम्मी सरकार को आगामी चुनाव में बदल दें।