5 सितंबर के देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2021’ के लिए देश भर से 44 शिक्षकों के नाम चुने गए हैं, जिन्हें राष्ट्रपति पुरस्कृत करते हैं। हालांकि कोविड महामारी को देखते हुए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षकों को इस बार ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा।
152 शिक्षकों में से 44 चयनित
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में देशभर से करीब 152 शिक्षकों ने हिस्सा लिया था, जिसमें से 44 शिक्षकों का चयन इस पुरस्कार के लिए किया गया है। इसमें सिक्किम के दो शिक्षकों को भी राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है।
67 वर्षीय शिक्षक मिंगमा शेरपा होंगे सम्मानित
इस पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक मिंगमा शेरपा मूल रूप से पूर्वी सिक्किम के 32 नंबर, मिडिल कैंप के रहने वाले हैं। वह हाल में उत्तर सिक्किम के लोअर जंगू में स्थित लूम प्राथमिक पाठशाला में एक शिक्षक और पाठशाला प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। यह स्कूल शहर से दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित है।
67 वर्षीय शिक्षक शेरपा ने 17 मई, 1985 को पूर्वी सिक्किम के छुबा प्राथमिक पाठशाला से अपने शिक्षण पेशे की शुरुआत की थी। उसने 11वीं तक पढ़ाई की है। राज्य के विभिन्न प्राथमिक पाठशालाओं में पढ़ाने के बाद वर्ष 2016 से शिक्षक शेरपा को लूम प्राथमिक पाठशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे पहले वह पश्चिम सिक्किम के एक सुदूर गांव धूपीडांडा प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत थे।
वह छात्रों को पाठशाला में पढ़ाने के अलावा उन्हें नि:शुल्क ट्यूशन भी पढ़ाते हैं। उनके द्वारा पढ़ाए गए अब तक आठ बच्चों को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना के लिए चुना जा चुका है। इस योजना के तहत चयनित कक्षा पांचवी के बच्चों को राज्य सरकार द्वारा राज्य और देश के विभिन्न प्रतिष्ठित निजी विद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए भेजा जाता है।
भौतिक विज्ञान के शिक्षक हैं प्रेमदास छेत्री
इस पुरस्कार के लिए चयनित सिक्किम के दूसरे शिक्षक प्रेमदास छेत्री हैं, जो दक्षिण सिक्किम के निया ब्रूम के निवासी हैं। 37 वर्षीय शिक्षक छेत्री वर्तमान में राजधानी गंगटोक के ताशी नामग्याल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भौतिक विज्ञान के शिक्षक हैं। उन्होंने आठवीं तक की शिक्षा अपने ही गांव के विद्यालय से की। उसके बाद उन्होंने 12वीं की शिक्षा स्थानीय लिंगी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पूरी की।
उन्होंने उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय (पश्चिम बंगाल) से भौतिक विज्ञान में बीएससी और मणिपाल विश्वविद्यालय से एमएससी पास किया। वर्ष 2013 में सिक्किम लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनकी नियुक्ति शिक्षक के रूप में हुई। उन्होंने अपने शिक्षक का पेशा यांगगांग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से किया। वह वर्ष 2014 से ताशी नामग्याल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं।
1958 में हुई राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत
बता दें कि शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत 1958 में हुई थी। इस योजना का उद्देश्य देश के बेहतरीन शिक्षकों के योगदान के लिए उनका सम्मान करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और उद्यमशीलता के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है, बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है। 1960 के बाद से यह समारोह हर साल भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) को आयोजित किया जाता है