सुशांत सिंह राजपूत- एक शेर को घास खिलाने की साज़िश विफल हो गई

धामा वर्मा, फिल्म अभिनेता

जंगल के कुछ घटिया और मक्कार दिमाग बाले जानवर जो झुंड में चलते और झुंड में ही पलते हैं एक अकेला बिहारी शेर को घेरकर घुटनो के बल लाना चाहते थे। अपने शर्तो पे जीना सिखाना चाहते थे पर शेर तो शेर होता है शेर ने मरना तय किया हारना नहीं।

समस्या तो हमेशा और हर जगह होती है राजनीती हो या फिल्म इंडस्ट्री गोलबंदी हर जगह होता है। बस उसे लड़कर ही हराया जा सकता है या अन्याय के खिलाफ आवाज उठाकर, जीवन से भागकर नहीं !

बिहारी का अपमान तो लगभग हर जगह होता है पर जीवट कर्मवीर जांबाज़ बिहारी हमेशा संघर्ष के बल पे जीत हासिल करते हैं ! भाई सुशांत सिंह राजपूत के मौत के लिए जो भी लोग जिम्मेदार हैं उन्हें लोग जान गए हैंऔर जैसा सुनने में आता है भाई सुशांत सिंह के पहले भी इस तरह की घटिया कोशिस फ़िल्मकार अभिनव कश्यप के साथ हो चुकी है पर अभिनव हमेशा वैसे लोगो के खिलाफ आवाज़ उठाते आये हैं।

अभिनव् ने हिम्मत नहीं हारा आत्म हत्या नहीं की, मोर्चा संभाले रहे, खैर सुशांत भाई के मौत से काफी आहत हु उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। पुरे देश के साथ पूरा बिहार सदमे में है। ईश्वर से प्रार्थना है सुशांत भाई को इन्साफ मिले। जिससे भविष्य में किसी के साथ ऐसा घटना ना हो पाए।

(लेखक भोजपुरी फिल्म के कलाकार हैं और आलेख में व्यक्त विचार उनके निजी हैं)

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