बिजली बिल के झंझट से मुक्त होने के लिए सौर ऊर्जा सबसे उपयोगी विकल्प के तौर उभर रहा है। सरकार का भी सौर ऊर्जा पर बहुत जोर है। कोई भी आसानी से अपनी घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकता है। इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सब्सिडी की भी व्यवस्था की है, लेकिन अभी जागरूकता के अभाव में इस ओर लोग उस रफ्तार से उन्मुख नहीं हो पा रहे हैं, जो सरकार की मंशा है। यदि सरकार की योजना पर ध्यान दें, तो यह आम लोगों के लिए बहुत ही फायदे का सौदा है। सौर प्लांट पर केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी योजना को जोड़ लें तो 50 प्रतिशत राशि सब्सिडी के रूप में मिल जाती है। एक परिवार एक किलो वाट के घरेलू बिजली पर जितना एक साल में व्यय करता है, उतनी ही राशि के व्यय पर उसके घर में पांच साल की गारंटी के साथ सौर ऊर्जा प्लांट लग जाएगा।
कितने वाट पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
अगर आपके घर में एक किलोवाट सोलर प्लांट लगाना है, तो इसकी अनुमानित लागत 38 हजार रुपये आती है। इसमें केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान 15,200 रुपये मिलता है। इसके साथ ही राज्य सरकार 15000 रुपये देती है अर्थात कुल मिलाकर 30,200 रुपये अनुदान राशि मिल जाती है। उपभोक्ता को इसमें मात्र 7800 रुपये व्यय करने होंगे। यदि सौर ऊर्जा से संचालित बिजली व्यवस्था घर में की जाती है, तो बिजली कटने की झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। यदि उपभोक्ता एक किलोवाट का घर में बिजली कनेक्शन लेते हैं तो एक साल में बिजली ही लगभग 8 हजार रुपये आ जाएगी अर्थात उपभोक्ता द्वारा व्यय किया गया रुपया एक साल में ही निकल जाता है।
इसी तरह यदि दो किलोवाट का सोलर प्लांट लगवाना है, तो अनुमानित लागत 76,000 रुपये है। केन्द्र सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी 30,400 मिलती है। वहीं राज्य सरकार इस पर 30,000 रुपये सब्सिडी देगी अर्थात कुल मिलाकर 60,400 रुपये सब्सिडी मिल जाएगा। उपभोक्ता को घर से मात्र 15,600 रुपये व्यय करने पर दो किलो वाट का बिजली सोलर प्लांट घर में तैयार हो जाएगा।
प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध
योजना के अंतर्गत रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने के इच्छुक आवासीय उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और सूचीबद्ध विक्रेताओं द्वारा घर की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लगवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें विक्रेता (वेंडर) को निर्धारित दर के अनुसार मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली अनुदान (सब्सिडी) राशि को कम करके रूफटॉप सोलर प्लांट की लागत का भुगतान करना होगा और इस बारे में प्रक्रिया विद्युत वितरण कंपनियों (डिसकॉम्स-डीआईएससीओएमएस) के ऑनलाइन पोर्टल पर दी गई है।
डिसकॉम्स के जरिए मिलेगी सब्सिडी
मंत्रालय द्वारा डिसकॉम्स के माध्यम से विक्रेताओं को सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि मंत्रालय की योजना के तहत सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें डिसकॉम्स द्वारा अनुमोदन की उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनके के पैनल में शामिल विक्रेताओं से ही रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करवाना चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन करने पर होगा फायदा
इस संबंध में लखनऊ बिजली विभाग के अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह का कहना है कि शासन की योजना का सबसे बड़ा लाभ अनुदान की अग्रिम व्यवस्था है। जब उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन करता है, तो कंपनी को सरकार अनुदान राशि मुहैया करा देती है। इससे बाद में अनुदान आने का झंझट नहीं रहता। इससे उपभोक्ता को अपनी मूल राशि ही देनी होती है।
5 साल तक कंपनी करेगी सोलर प्लांट का रखरखाव
यह जरूर है कि सरकार द्वारा विकसित डेवलपर्स या विक्रेता के यहां से ही उपभोक्ता को सोलर प्लांट लगवाना होगा, तभी सब्सिडी मिल सकती है। सोलर प्लांट लगने से एक बार के निवेश से आपको मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। पांच साल तक कंपनी ही सोलर प्लांट का रखरखाव करेगी।