एक बच्चे की रोमांचक साइकिल यात्रा की कहानी है ” पहिये जिंदगी के “

पटना : क्या आप बचपन में साइकिल को लेकर उत्साहित रहे हैं या आपने साइकिल पर सवार हो कर अपने बचपन में कई क़िस्म के एडवेंचर जिए हैं, तो यह कहानी आपको समय के पहियों पर सवारी करवा, आपके यादों के भंवर को एक बार अवश्य छेड़ेगी। हँसी-मज़ाक़ के साथ कुछ सामाजिक मुद्दों को आपके समक्ष प्रस्तुत कर, आपके दिलों में उतरने को तैयार, एक बालक ” बिट्टू ” की साइकिल अपना रास्ता बना रही है।

” पहिये जिंदगी के ” किताब नोशन प्रेस द्वारा हाल में ही प्रकाशित की गयी है जो पाठकों के लिए अमेज़न और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है। यह किताब स्वर्गीय रामरुप प्रसाद राय जी की पौत्री बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मजा रॉय के द्वारा प्रस्तुत की गई है एवं नितीश चौबे के द्वारा लिखी गई है। फिल्म एवं टीवी इंडस्ट्री के जाने – माने कलाकार नितीश चौबे की बतौर लेखक यह पहली किताब है। इस किताब को लेकर नितीश चौबे ने बताया की यह किताब उन्होंने दूसरे लॉकडाउन के दौरान लिखी थी जिसके स्टोरी डेवलपमेंट एवं एडिटिंग में बॉलीवुड अभिनेत्री पद्मजा रॉय ने उनकी काफी मदद की।

उन्होंने बताया कि यह कहानी बचपन, जवानी और बुढ़ापे को पहियों के रूप में दर्शाती है एवं हसी-मज़ाक के तड़के के साथ कुछ सामाजिक मुद्दों पर ध्यान खींचती है। वहीं इस किताब की प्रस्तुतकर्ता अभिनेत्री पद्मजा रॉय ने कहा कि इस कहानी में ज़िन्दगी के सभी पड़ाव के किरदारों को रचा गया है। जिस तरह पहिये किसी सवारी से भेद-भाव नहीं करते, वैसे ही यह कहानी भी सभी के मनोरंजन का ध्यान रखते हुए, काल्पनिक तड़के के साथ तैयार की गई है। पद्मजा ने पाठकों से अनुरोध करते हुए कहा कि साइकिल की घंटी बज चुकी है, दिल खोल के स्वागत कीजिए बिट्टू और उसके एडवेंचर की कहानी ” पहिये ज़िन्दगी के ” का।

उन्होंने कहा की मुझे पूरा भरोसा है की कहानी के इस सफर में पाठक इसका भरपूर आनंद लेंगे और इस किताब को अपना ढेर सारा प्यार देंगे।

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