लंदन के अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में 53 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे सिद्धांत

लंदन के अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में 53 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे सिद्धांत

मुजफ्फरपुर. इंग्लैंड की राजधानी लंदन में 22 से 25 अक्टूबर के बीच आयोजित वन यंग वर्ल्ड अंतरराष्ट्रीय समिट में मुजफ्फरपुर के सिद्धांत सारंग 53 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. वे वहां दुनियाभर से आये यूथ डेलीगेट्स के सामने पर्यावरण के मुद्दे पर बोलेंगे. फिलवक्त सिद्धांत दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में बीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं. वन यंग वर्ल्ड यूके-आधारित एक नॉट-फॉर-प्रॉफिट संगठन है जो दुनिया भर के युवाओं को दुनिया के महत्वपुर्ण मुद्दों के समाधान विकसित करने के लिए इकट्ठा करता है। वन यंग वर्ल्ड हर वर्ष विभिन्न देशों के अलग-अलग शहरों में वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करता है, जहां विश्व भर में समाज के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले युवाओं व प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाता है. 2009 से 2015 तक की स्थापना के बाद से, वन यंग वर्ल्ड ने 196 देशों के 18 से 30 वर्ष के बीच के 8,000 युवा प्रतिनिधियों के लिए 6 शिखर सम्मेलनों का मंचन किया है। सिद्धांत ने दूरभाष पर बताया कि इस समिट में भाग लेने के लिए मेरा चयन क्वींस कॉमनवेल्थ ट्रस्ट स्कॉलरशिप के जरिये किया गया है. क्वींस कॉमनवेल्थ ट्रस्ट 53 कामनवेल्थ राष्ट्रों से हर देश का एक प्रतिनिधि चुनता है. इस वर्ष दुनियाभर से करीब पांच हजार युवाओं ने इसके लिए आवेदन किया था, जिनमें से सिर्फ 53 युवाओं का ही इस स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है और भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए एकमात्र सिद्धांत सारंग का चयन किया गया है. इस स्कालरशिप के माध्यम से उन्हें लंदन आने-जाने के लिए हवाई टिकट, समिट के दौरान रहने के लिए होटल, खाना और लोकल ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मुफ़्त मुहैया कराई जाएगी।

वैशाली के कालापहाड़ में जन्मे व मुजफ्फरपुर में पले-बढ़े व पढ़े सिद्धांत सारंग ने 19 साल की छोटी उम्र में ही बड़ी लकीर खींच दी है. अपनी काबिलियत, जनपक्षी सोच, सामाजिक सरोकार व पर्यावरण के प्रति रुचि की वजह से उसे सिर्फ तीन-चार महीने में दो बड़ी कामयाबी हासिल हुई हैं. सिद्धांत को अभी हाल ही में पढ़ाई के दौरान पर्यावरण व समाज हित में किये गये छोटे-छोटे प्रयास के लिए ‘द डायना अवार्ड’ मिल चुका है. सिद्धांत आठवीं कक्षा से ही रचनात्मक कार्यों में रुचि लेने लगे थे. अपने क्लासमेट के साथ मिल कर पर्यावरण पर आधारित पत्रिका ‘नेचर लाइफलाइन’ निकाला. इंटर की पढ़ाई पूरी करते-करते तीन मिनट की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘शी टेल्स स्टोरी’ बनायी. सिद्धांत ‘यूथ फ्रंट लाइनर्स’ नामक प्लेटफॉर्म के जरिये युवाओं व छात्र-छात्राओं के बीच जलवायु परिवर्तन पर एडवोकेसी भी कर रहे हैं.

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