मिशन कैदमुक्त@सतीश चौधरी, हाई कमीशन आफ इंडिया ने विशाल दफ्तुआर को ईमेल भेजकर मांगी मदद

बिहार सरकार अगर सही पहल करती तो दस साल पहले बांग्लादेश से कैद मुक्त हो गया होता सतीश चौधरी : विशाल दफ्तुआर

बिहार सरकार और दरभंगा जिला प्रशासन की लापरवाही से बांग्लादेश में 11 साल से कैद है। 

अब तक सतीश चौधरी की नेशनलिटी भेरिफिकेशन रिपोर्ट हाई कमीशन आफ इंडिया को नहीं मिली

 

ढाका, बांग्लादेश स्थित हाई कमीशन आफ इंडिया ने बांग्लादेश में पिछले 11 साल से कैद दरभंगा, बिहार के सतीश चौधरी की नेशनलिटी भेरिफिकेशन की रिपोर्ट मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर से मांगी है।इसके लिये उन्हें बाजाप्ता आफिशियल ईमेल भेजे गये हैं।इससे इस मामले में बिहार सरकार और दरभंगा जिला प्रशासन की उदासीनता समझ में आ जाती है।
गौरतलब है कि 2008 में पटना से सतीश चौधरी गायब हो गया था और बाद में उसके बांग्लादेश के जेल में होने की जानकारी मिली।उसके छोटे भाई मुकेश चौधरी ने अपने भाई को कैदमुक्त करवाने के लिये हरसंभव कोशिश की।2012 में बिहार के मुख्यमंत्री से भी संपर्क साधा।लेकिन उसको टरकाने की प्रक्रिया जारी रही।थक हारकर उसने 31 जुलाई को “चीफ जस्टिस आफ इंडिया” से सम्मानित मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के पास पत्र भेजकर मदद की गुहार लगाई।

चीफ जस्टिस आफ इंडिया ने मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर के पत्र को स्वीकार करते हुये कारवाई हेतु उसे उसी दिन जनहित याचिका संभाग में भेज दिया।
विदेश मंत्री के स्तर पर भी सक्रियता दिखाई गई जिसका असर है हाई कमीशन आफ इंडिया का श्री दफ्तुआर से सहयोग हेतु निवेदन करना।
मुख्यमंत्री बिहार ने इस मामले को होम सेक्रटरी और दरभंगा डीएम को भेज दिया।लेकिन कोताही यहीं से बरती जा रही है।
इस बारे में मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर ने बताया कि बिहार सरकार अगर चाहती तो दस साल पहले बांग्लादेश से कैद मुक्त हो गया होता सतीश चौधरी।
उन्होंने बताया कि बिहार सरकार और जिला प्रशासन की उदासीनता आज भी जारी है।चूंकि मामला एक “गरीब परिवार” का है इसलिये इसमें इतनी कोताही बरती जा रही है।
श्री दफ्तुआर ने बताया कि सतीश चौधरी के नेशनलिटी भेरिफिकेशन की एक जाँच रिपोर्ट अंचलाधिकारी, हायाघाट, दरभंगा के द्वारा एसडीओ, सदर,दरभंगा को भेजा गया था जिसका पत्रांक 323 और दिनांक 29 मई,2019 है।
दरभंगा के सीनियर अपर समाहर्ता के पत्रांक 772/सा./दिनांक 13 मई ,2019 के आदेश/निर्देश के आलोक में अंचलाधिकारी ने यह जाँच रिपोर्ट तैयार की थी।

इस जांच रिपोर्ट में सतीश चौधरी के बजाय ज्योतिष चौधरी का नाम था

इस जांच रिपोर्ट में सतीश चौधरी के बजाय ज्योतिष चौधरी का नाम था हालांकि बाकी चीजें यानी पिता, गाँव, थाना, जिला वगैरह एक ही था। अंचलाधिकारी ने अपनी जाँच रिपोर्ट में इसे स्पष्ट करते हुये मुकम्मल दस्तावेज भी संलग्न किये थे।
इस मामले पर पर संज्ञान लेने के बाद मैंने दरभंगा डीएम और अटैचे काउंसलर को स्पष्ट किया था कि ज्योतिष चौधरी और संजय चौधरी एक ही व्यक्ति है।
यहाँ पर सबसे बड़ा और अत्यंत गंभीर सवाल यह उठता है कि अंचलाधिकारी,हायाघाट, दरभंगा के द्वारा 29 मई को एसडीओ, सदर,दरभंगा को भेजे गये सतीश चौधरी की नेशनलिटी भेरिफिकेशन जाँच रिपोर्ट अब तक हाई कमीशन आफ इंडिया, ढाका,बांग्लादेश को क्यों नहीं उपलब्ध करवाया गया?
बिहार सरकार और दरभंगा जिला प्रशासन के लिये यह अत्यंत शर्म की बात है कि हाई कमीशन आफ इंडिया, ढाका,बांग्लादेश मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ्तुआर से संजय चौधरी की नेशनलिटी भेरिफिकेशन रिपोर्ट उपलब्ध करवाने हेतु मदद मांग रहा है।
श्री दफ्तुआर ने बताया कि पिछले 11 सालों में ऐसी कोताही के कारण एक गरीब परिवार का लड़का बांग्लादेश में कैद है।लेकिन अब हर हाल मैं सतीश चौधरी को बांग्लादेश से कैद मुक्त करवा कर रहूंगा।
उन्होंने बताया कि इस मामले में संजय चौधरी के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हुआ है लिहाजा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली से भी हस्तक्षेप करने का अनुरोध करेंगे।

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