बिहार प्रांतीय गोस्वामी महासभा ने साधुओं की निर्मम हत्या कांड की तीव्र निंदा की एवम सीबीआई जाँच की माँग की

बिहार प्रांतीय गोस्वामी महासभा के
संयोजकगण पटना उच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता महेश नारायण पर्वत, अशोक कुमार गिरि और प्रेम प्रकाश भारती ने जूनापीठ अखाड़ा, हरिद्वार आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरिजी महाराज को समाज के सैकड़ों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन भेज कर पंचदशनाम जूना अखाड़ा वाराणसी के दो साधुओं की निर्मम हत्या कांड की तीव्र निंदा करते हुए सीबीआई जाँच कराने की माँग की है।

प्रेषित पत्र में कहा गया है कि पूरा बिहार प्रदेश का दशनाम गोस्वामी समाज अपने संप्रदाय के दो साधुओ यथा कल्पवृक्ष गिरिजी महाराजए सुशील गिरिजी महाराज एवं उनके कार चालक की निर्मम हत्या से अत्यंत दुखी है और आक्रोशित है हम सभी उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर ऐसी जघन्य घटना शायद ही कभी घटी हो जहां भगवाधारी सन्यासियों को रात्रि में रोक कर उन्हें बच्चा चोर की संज्ञा देते हुए सैकड़ों नरभक्षीयों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से लाठियों पत्थरों से पीट.पीट कर हत्या की गई हो।
ज्ञापन में कहा गया है कि यह हत्या विग्रह स्वरूप भगवाधारी सन्यासियों की हत्या है जो सिर्फ और सिर्फ त्रिभुवन में शांति की कामना करते हैं। दशनाम समाज और सन्यासी तो सनातनी परंपरा के ध्वज वाहक हैं और इस हेतु हमारी रक्षा का उत्तरदायित्व न सिर्फ सरकारों का है बल्कि पूरे मानव समाज का है।

ज्ञापन में कहा गया है कि वर्णित परिस्थिति के परिप्रेक्ष में बिहार प्रांतीय गोस्वामी समाज निम्नलिखित विनतियों की ओर आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता है.
हत्या की घटना की जांच महाराष्ट्र सरकार द्वारा सीबीआई से करायी जाए, यदि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं होती है तो मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राम मंदिर निर्माण के निमितद्ध अनुदान तत्काल अस्वीकार करने हेतु राम मन्दिर ट्रस्टए अयोध्या के अध्यक्ष से आग्रह करने की कृपा की जाय और महाराष्ट्र के किसी भी नागरिक से कोई अनुदान तत्काल स्वीकार न किया जाए ।दशनाम गोस्वामी समाज को प्रदेश स्तर पर जागृत किया जाए और उनसे अपेक्षा की जाए कि न्याय मिलने तक आंदोलन जारी रखें।

ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार प्रान्तीय दशनाम गोस्वामी समाज आपके साथ है और आपके दिशा निर्देशों की प्रतीक्षा करता है। आशा है हमारे आग्रह पर विचार कर सम्यक निर्णय लेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *