सादगी भी भव्य होती है। शक्ति संपन्न ओहदेदार जब इसे अपनाता है तो नजीर बनता है। ऐसी ही नजीर देवोत्थान एकादशी को पूर्णिया की एक शादी में देखने को मिली। यह शादी किसी और की नहीं, छपरा के डीएम सुब्रत कुमार सेन की थी। सुपौल जिले के सिमराही के मूल निवासी सुब्रत सेन नार्थ ईस्ट की रहने वाली आईआरएस अधिकारी सुचिस्मिता के साथ परिणय सूत्र में बंधे।कहने तो यह शादी हाई प्रोफाइल थी, लेकिन सादगी मन को छूने वाली। न कोई तामझाम, न दिखावा और न बैंड बाजा। बाराती भी बमुश्किल सौ। पद के प्रदर्शन वाले दौर में सेन की शादी के कार्ड पर कहीं भी जिक्र नहीं था कि लड़का डीएम है। वरमाला के समय होटल के लॉन में मात्र आठ टेबल लगे थे।
कोरोना को लेकर सादगी के साथ हुई शादी छपरा के डीएम की शादी बेहद सादगी से हुई। देर रात बारात सिमराही से होली डे होटल पहुंची। जहां लड़की पक्ष की ओर से वर पक्ष की अगवानी की गई। कोरोना को लेकर शादी में दोनों ओर से कम लोगों को आमंत्रित किया गया था।
सुपौल के रहने वाले हैं सुब्रत कुमार सेन छपरा के जिलाधिकारी मूल रूप से सुपौल के रहने वाले हैं। सुब्रत कुमार सेन के पिता का नाम गोपाल कृष्ण सेन और माता का नाम रुपा सेन है। उनकी प्रारंभिक पढ़ाई सुपौल के जवाहर नवोदय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए। वहां पर उन्होंने भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से भूगोल विषय में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे सिविल सेवा की तैयारी करने लगे। सिविल सेवा में उनका 93वां रैंका था। वहीं, सुचिस्मता की माता का नाम सरबनी राय और पिता का नाम सम्राटजीत कानूनगो है।
स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय रहा ये शादी पूर्णिया के आरएन साह चौक पर स्थित होली डे इंटरनेशनल होटल में कन्य पक्ष के लोग पहले से ही ठहरे थे। डीएम की शादी को लेकर पूरे शहर में चर्चा होती रही। लोग बारात को देखने के लिए बालकनी से झांकते नजर आए।
2013 बैच के आइएएस हैं सुब्रत कुमार सेन सुब्रत कुमार सेन 2013 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। छपरा में जिलाधिकारी पद पर उनकी पहली बार नियुक्ति हुई है। उन्होंने छपरा में एक मई 2018 को पदभागर ग्रहण किया था। इससे पूर्व वह बिहारशरीफ, बाढ़ में विभिन्न पदों पर पदस्थिापित रह चुके हैं।
अनूप नारायण सिंह