जदयू चिकित्सा सेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मधुरेंदु पांडेय ने जदयू के पोस्टर पर राजद की प्रतिक्रिया का पलटवार करते हुए कहा कि राजद शासनकाल में विकास को जमींदोज करने वाले बहस के हकदार नहीं है।पूरा देश जानता है कि वर्ष 2005 के पूर्व राजद शासनकाल में बिहार में अराजकता का माहौल था।लूट,हत्या,डकैती, बलात्कार,अपहरण,नरसंहार दिनचर्या में शामिल था।चारों तरफ घोर भय,भूख और भ्रष्टाचार का आलम था।कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी।गुंडाराज कायम था।जातीय व धार्मिक मतभेद चरम पर थी।गरीबों ,पिछड़ों,अल्पसंख्यकों के विकास के नाम पर इन्हीं लोगों के मद में केंद्र से मिलने वाली राशि को खूब लूट खसोट हुआ।घोटालों की सरकार की संज्ञा से देश में पहचान बन गई थी।सड़क,बिजली,पानी के लिए बिहार कि जनता त्रस्त थी। स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट थी।सूबे की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही थी।राजद के जनप्रिनिधि से लेकर कार्यकर्ता तक लूट में शामिल था।
वर्ष 2005 के बाद जबसे नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली तब से बिहार में न्याय के साथ विकास कार्य तेजी से होने लगा। कानून व्यवस्था सुदृढ़ हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में सर्वांगीण विकास के साथ साथ सामाजिक सुधार हेतु कई ऐतिहासिक निर्णय लिया व उसकी सफलता के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया।पूर्ण शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज उन्मूलन,सात निश्चय, महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेहतर कार्य किए है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी जल जीवन हरियाली कार्यक्रम की सफलता के लिए यात्रा पर है। आखिरकार राजद नेताओं का कौन सा अधिकार है सवाल जवाब करने का।सूबे की जनता उनके भी पंद्रह वर्षों के कार्यकाल को देखा है।और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी कार्यकाल को देख रही है। डॉ.पांडेय ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी कार्यकाल को देख रही है। डॉ.पांडेय ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई विकल्प अभी मौजूद नहीं है। मुख्यमंत्री की कोई भकेंसी यांहा अभी नहीं है।2020 में नीतीश कुमार को बिहार की जनता पुनः मुख्यमंत्री बनाने के लिए संकल्पित है