लोकगीतों से किया गया ऋतुराज वसंत का स्वागत

पटना। सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार ने लोक गीतों और कविताओं के साथ वसंतोत्सव मनाया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मेयर सीता साहू ने कहा कि वसंत उमंग और उल्लास का मौसम है । बसंत कला,साहित्य, संगीत और ज्ञान-विज्ञान का मौसम है। शीत ऋतु की निष्क्रियता से बाहर निकलकर नए स्वप्न लगाने का मौसम बसंत है। वरिष्ठ कथाकार और शिक्षाविद ममता मेहरोत्रा ने सभी को वसंत ऋतु की बधाई देते हुए कहा कि वसंत ऋतुओं का राजा है। कार्यक्रम में संस्था की सचिव और लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि ऋतुराज वसंत के स्वागत में धरती पीली चादर ओढ़ लेती है, आम्रकुंज कोयल की कूक से गुंजित होता है, बगिया में रंग बिरंगे फूल खिलते हैं और तितलियां अपनी मनमोहक अदाओं से सबका मन जीत लेती हैं। इसे ऋतु में भंवरे भी गुनगुनाते हैं और चारों दिशाओं में नवीनता का संचार होता है। लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत ने कार्यक्रम में हमरा आम अमरैया बड़ा नीक लागेला सैया तोहरे मड़ईया बड़ा निक लागेला, अमवा महुअवा के झूमे डलिया सहित अनेक पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति करके सभी लोगों का मन जीत लिया। इस मौके पर कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें अमृतेश कुमार मिश्रा, डॉ अर्चना त्रिपाठी, विभा सिंह, अर्चना आर्यन मुकेश ओझा, रूपम त्रिविक्रम, नागेंद्र मनी, राम सिंह मलक, अमीर हमजा, अंकेश कुमार सहित अनेक कवियों ने वसन्त से संबंधित कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ ध्रुव कुमार ने किया।

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