नई दिल्ली, 18 दिसंबर। ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राज्यों में सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों को अपनी ताकत का एहसास दिलाने का वक्त आ गया है। जीकेसी अध्यक्ष प्रसाद ने यह बात 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित विश्व कायस्थ महासम्मेलन से एक दिन पूर्व कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि ‘‘न तो हम किसी के विरोध में हैं, न तो किसी के साथ, लेकिन जो हमारे साथ है हम उसी के साथ हैं।‘’
राजीव रंजन ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष के 5000 साल का इतिहास को यदि हम देखें तो कायस्थ समाज की हर काल खंड के शासन और प्रशासन में महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भूमिका के उदाहरण दृष्टिगोचर हो जाते हैं। कायस्थ समाज ने जरूरत पड़ी तो राष्ट्र की रक्षा में तलवारें भी उठाई है। यहां तक कि स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजाद भारत में भी समाज के हस्ताक्षरों ने देश के महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन, आज कायस्थ कहीं न कहीं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। इसिलिए कायस्थों को अपनी एकजुटता दिखाने के लिए एक मंच पर आना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि देश और विदेश में कायस्थों के नेतृत्व करने का इतिहास किसी से भी छुपा नहीं है। विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता आंदोलन के नायक सुभाष चन्द्र बोस या फिर देश में संपुर्ण क्रांति के अगुआ जयप्रकाश नारायण, राजेंद्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य कई विभुतियों ने देश का न सिर्फ नेतृत्व किया, बल्कि अध्याय बदलने का काम किया है। ऐसे में एकबार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना जरूरी हो गया है। जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि समाज को अब राजनीति से लेकर व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा।
जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि आज के संसदीय मुल्यों में गिरावट, बिगड़ती सामाजिक तानाबाना, समाज में असंतोष की भावना को देखते हुए तंत्र के शिखर पर काबिज होने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना बहुत जरूरी हो गया है, ताकि देश में गिरती हुई व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके। ऐसी स्थिति में एक बार फिर अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप कायस्थों को हर क्षेत्र में शिखर पर लाने की पुरजोर कोशिश हमलोग कर रहे हैं। इसके लिए राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन हमलोगों ने किया है, जहां अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का एहसास भी हम देश और दुनिया को कराएंगे।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि देश और विदेशों में कायस्थों ने न सिर्फ नेतृत्व किया, बल्कि अध्याय बदलने का भी काम किया है। ऐसे में एकबार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि युवाओं ने अपनी प्रतिभा से सभी बाधाओं को पार कर लिया है, वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं, लेकिन देश में ही अवसरों के लिए देश की राजनीति और प्रशासन में भी भागीदारी जरूरी है।
जीकेसी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि समाज को अब व्यापार क्षेत्र के लिए भी खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में मौजूदा वक्त में समाज का कितना प्रतिनिधित्व है। इसके लिए हमसभी को एकजुट होने की जरूरत है। श्रीवास्तव ने कहा कि संसदीय मुल्यों में गिरावट, बिगड़ती सामाजिक तानाबाना, समाज में असंतोष की भावना को देखते हुए तंत्र के शिखर पर काबिज होने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन बहुत जरूरी है, ताकि देश में गिरती हुई व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा, तकनीकी सेल के अध्यक्ष आनंद सिन्हा , अनुराग सक्सेना, शिक्षा प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष दीपक वर्मा, कला संस्कृति प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्घ सिने कलाकार अंजन श्रीवास्तव ,सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका प्रिया मल्लिक, मीडिया सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, फिल्म निर्माता अशोक सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष ऋतु खरे, नवीन कांत, अविनाश श्रीवास्तव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर , राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नू , श्रुति सिन्हा , पवन सक्सेना, मिहिर भोले, राजीव कांत ,प्रशांत सक्सेना, निश्का रंजन,सीसीसीआई के अध्यक्ष नवीन कुमार,युवा संभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा, युवा के राष्ट्रीय महासचिव कुमार आर्यन श्रीवास्तव, दिल्ली प्रदेश मीडिया सेल के अध्यक्ष प्रजेश शंकर, आलोक कुमार, चन्द्र भानु सिन्हा, दीप श्रेष्ठ ,बिहार प्रदेश अध्यक्षा डॉ० नम्रता आनंद, राजेश सिन्हा संजू , आई टी सेल के आशुतोष ब्रजेश, प्रियरंजन, राजेश कुमार डब्लू , सुशील कुमार श्रीवास्तव, बलिराम जी, सुजीत कुमार सिन्हा दीपू,अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा ,मनोज कुमार सिन्हा, डब्लू श्रीवास्तव, सुजय अम्बष्ठ, कैप्टन तरुण कुमार, रुपेश रंजन सिन्हा, सौरभ जयपुरियार, प्रजेश शंकर
और राज कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे।